
Agrasen- paricharcha-23-July
रायपुर। अग्रसेन महाविद्यालय (पुरानी बस्ती) के नवनिर्मित ऑडियो विजुअल स्टुडियो में रेडियो अग्रवाणी की ओर से आज एक परिचर्चा आयोजित की गई.
“मीडिया में खबरों की विश्वसनीयता” -विषय पर आयोजित इस परिचर्चा में वक्ता के रूप में राजधानी के पत्रकार- शैलेश पांडेय, उचित शर्मा तथा प्रशांत गुप्ता शामिल हुए। इन सभी वक्ताओं ने एक स्वर में कहा कि कई बार मीडिया संस्थान आपसी स्पर्धा के कारण खबरों को जल्द से जल्द पेश करने के प्रयास में तथ्यों को छोड़ देते हैं. साथ ही सबसे पहले ब्रेकिंग खबर देने की होड़ में उपलब्ध सूचनाओं की जांच पड़ताल किये बिना ही उसे पाठकों और श्रोताओं तक पहुंचा देते हैं.
ऐसे में खबरों की विश्वसनीयता संकट में पड़ जाती है. प्रशांत गुप्ता ने कहा कि वे स्वयं विशेष खबरों की रिपोर्टिंग करते समय इस बात का ध्यान रखते हैं कि तथ्यों और दस्तावेजों में कोई कमी न रह जाए. उसके बाद ही खबर को प्रकाशित करते हैं. शैलेश पांडेय ने कहा कि खबर को केवल प्रस्तुत करना ही पत्रकार का काम नहीं है. बल्कि उसे पाठक या श्रोता को सही खबर देना सबसे बड़ी जिम्मेदारी है. लेकिन आजकल सोशल मीडिया में बहुत सी भ्रामक खबरों के कारण पारम्परिक मीडिया पर भी जल्द से जल्द खबर देने का दबाव बढ़ गया है. इसी जल्दबाजी में विश्वसनीयता प्रभावित होने लगी है.
उचित शर्मा ने कहा कि अधिकांश पत्रकारों पर हर दिन ज्यादा से ज्यादा खबर देने का दबाव रहता है. कई बार झूठ पर आधारित खबरों को भी इस कदर वायरल किया जाता है की उसे प्रभावित व्यक्ति की छवि हमेशा के लिए धूमिल हो जाती है. फिर बाद में वह सच्चाई बता भी दे, तब भी उसे जो नुकसान हो चुका होता है, उसकी भरपाई नहीं हो पाती. कभी-कभी झूठी खबरों से आहत होकर पीड़ित व्यक्ति आत्महत्या भी कर लेते हैं. यही खबरों की विश्वनीयता का संकट है. परिचर्चा के सूत्रधार के रूप में पत्रकारिता संकाय के विभागाध्यक्ष प्रो. विभाष कुमार झा ने मार्क ट्वेन का कथन दोहराते हुए कहा कि “जब तक सत्य अपने जूते पहन रहा होता है तब तक झूठ आधी दुनिया का सफर तय कर चुका होता है.” स्पर्धा के दबाव में जब पत्रकार तथ्यों को जांचे बिना ही खबरों को प्रकाशित और प्रसारित कर दे, तो विश्वनीयता पर खतरा बढ़ना स्वभाविक है.
तीनों प्रतिभागियों ने भ्रामक खबरों के सोशल मीडिया में वायरल होने को रोकने के लिए न्यूज पोर्टल या अन्य वेब माध्यमों को भी प्रेस की तरह नियामक संस्था के दायरे में लाने की जरुरत बताई . इस परिचर्चा को रेडियो अग्रवाणी के साथ ही यूट्यूब पर भी प्रसारित किया जायेगा
इस मौके पर महाविद्यालय के डायरेक्टर डॉ वी.के. अग्रवाल, प्राचार्य डॉ युलेन्द्र कुमार राजपूत तथा एडमिनिस्ट्रेटर प्रो. अमित अग्रवाल ने आमंत्रित वक्ताओं के विचारों के लिए उन्हें साधुवाद दिया. आमंत्रित वक्ताओं ने महाविद्यालय में पत्रकारिता विभाग द्वारा प्रायोगिक प्रशिक्षण के लिए उपलब्ध आडियो-विजुअल स्टूडियो और अग्रवाणी रेडियो जैसी अत्याधुनिक सुविधाओं को नवागंतुक विद्यार्थियों के लिए ख़ास तौर पर फायदेमंद बताया. कार्यक्रम में पत्रकारिता विभाग के प्राध्यापक प्रो राहुल तिवारी, प्रो. कनिष्क दुबे तथा प्रो सुरभि अग्रवाल भी विशेष रूप से उपस्थित रहे .