
भारत को हिन्दू राष्ट्र घोषित करने की मुहीम तेज होती जा रही है। हिन्दू राष्ट्र की मांग अब तूल पकड़ती दिख रही है। हिंदू राष्ट्र घोषणा को लेकर संत समाज आंदोलित होता दिख रहा है। संत समुदाय के अग्रणी व्यक्तित्व जगदगुरु परमहंस आचार्य महाराज ने चेतावनी दी है कि आगामी 2 अक्टूबर तक अगर भारत को ‘हिंदू राष्ट्र’ घोषित नहीं किया गया, तो वह जल समाधि ले लेंगे। यही नहीं, आचार्य ने मुस्लिमों और ईसाइयों की राष्ट्रीयता खत्म किए जाने की मांग भी उठा दी है।
उन्होंने सीधे केंद्र सरकार से ये मांगें करते हुए चेतावनी दी है। जबकि उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड में अगले साल की शुरुआत में चुनाव होने हैं और अयोध्या में राम मंदिर के निर्माण का काम तेज़ी से चल रहा है, ऐसे में इस तरह का बयान काफी अहम माना जा रहा है। ये बयान ऐसे समय में आया है जब उत्तर प्रदेश में 2022 में होने वाले विधानसभा चुनाव को लेकर तैयारियां जोरों पर है। सभी पार्टियों के नेता चुनाव की तैयारियों में जुटे हैं।
इससे पहले आम आदमी पार्टी और समाजवादी पार्टी ने अयोध्या श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट द्वारा खरीदी गई जमीन पर सवाल उठाए थे। ऐसे में उन्होंने ट्रस्ट पर लगाई गई आरोपों को गलत बताते हुए सपा और आप पर 1 हजार करोड़ रुपए की मानहानि का मुकदमा करने की बात कहीं थी। संत परमहंस से सवाल किया गया कि भारत में हिंदू, मुस्लिम, सिख, ईसाई सब साथ रहते हैं और आप कह रहे हैं हिंदू राष्ट्र घोषित किया जाए, ये मांग किससे कर रहे हैं और पूरी ना हुई तो क्या करेंगे क्या।
इसका जवाब देते हुए संत परमहंस ने कहा कि एक अक्टूबर को सभी संगठन के लोग हिंदू सनातन धर्म संसद का आयोजन करेंगे और 2 अक्टूबर को अगर हमारी बात नहीं मानी गई तो मैं सरयू जी में जल समाधि लूंगा। मेरी समाधि लेने के बाद हो सकता है। मेरी श्रद्धांजलि में मोदी जी भारत को हिंदू राष्ट्र बना दें क्योंकि जब हिंदू नहीं बचेगा तो कुछ नहीं बचेगा। संत परमहंस से सवाल किया गया कि सारे जाति मजहब के लोग यहां साथ रहते हैं फिर हिंदू राष्ट्र घोषित कर देना, हमारा लोकतंत्र कैसे बचेगा?
इस सवाल के जवाब में संत ने कहा कि दरअसल, है क्या कि जिस तरह से कश्मीर में धर्म के आधार पर हुआ, जैसे मस्जिद से नारे लगे जितने भी हिंदू है अपनी बहन बेटियों को छोड़कर भाग जाएं या तो मुसलमान बन जाएं या वो मरने को तैयार हो जाएं और वो हुआ। घटना वही हो रही है, जहां मुस्लिम लोग ज्यादा हैं देखिए संविधान, अदालतें और ये लोकतंत्र वहां है. जब तक हिंदू बहुसंख्यक में है तब तक सब है। यहां भी हिंदू माइनॉरिटी में हो जाएगा तो ये सब दफन हो जाएगा। इसको बचाने के लिए हिंदू राष्ट्र घोषित करना जरूरी है. हिंदू उतना उदारवादी है कि हिंदू राष्ट्र घोषित होने पर भी दूसरे को कष्ट नहीं होगा।