
इंदौर साइबर पुलिस ने बैंक फ्रॉड को लेकर पांच आरोपियों को गिरफ्तार किया है. इसमें मुख्य आरोपी शहर के चोइथराम मंडी में आलू व प्याज का व्यापारी है. लेकिन जो घटनाक्रम सामने आया है उससे फिलहाल बैंक और साइबर पुलिस दोनों को ही समझने में मुश्किल आ रही है. एक अकाउंट में दूसरे अकाउंट को लिंक किए बिना लाखों रुपए ट्रांसफर हो गए. लेकिन सबसे बड़ी बात कि जो तकनीकी गलती हुई है, उसे बैंक स्वीकार कर रही है. लेकिन यह गलती हुई कैसे इसके बारे में उन्हें भी जानकारी नहीं है.
दरअसल इंदौर के विजय नगर क्षेत्र में स्थित लक्ष्मी मेमोरियल हॉस्पिटल के संचालक डॉ आनंद कुमार जैन ने साइबर पुलिस को शिकायत की थी कि एक्सिस बैंक में उनके ओ डी अकाउंट से 40 लाख 50 हज़ार ऑनलाइन ट्रांजेक्शन होकर किसी अन्य अकाउंट में ट्रांसफर हो गए हैं जबकि इसके लिए ना ही उनके पास कोई ओटीपी आया और ना ही उन्होंने अपने बैंक से संबंधित जानकारी किसी के साथ शेयर की.
इस तरह हुआ खुलासा
इस पूरे मामले को गंभीरता से लेते हुए साइबर पुलिस ने जब इसकी बारीकि से जांच की तो इस मामले में जो जानकारी साइबर पुलिस के हाथ लगी उसमें अनिल कछवाय नाम के युवक को पुलिस ने गिरफ्तार किया. जब इस युवक से सख्ती से पूछताछ की तो उसने बताया कि वह एक्सिस बैंक की ऑनलाइन एप्लीकेशन चलाता है. एक दिन जब उसने अपनी एप्लीकेशन ओपन की तो उसमें उसे एक अन्य खाता जुड़ा हुआ दिखा. जिसमें वह आसानी से देख सकता था कि उस अकाउंट में कितने पैसे हैं और वह अकाउंट किसका है. जब उसने चेक किया तो उसमें तकरीबन 85 लाख रुपए से ज्यादा की रकम डिपॉजिट थी.
40 लाख से अधिक ट्रांसफर कर दिए
इतना बड़ा अमाउंट देखकर व्यापारी लालच में आ गया और उसने एक-एक कर अपने साथी क्रांति, आकाश, विवेक और चंद्रशेखर के अकाउंट में 40 लाख रुपए से अधिक ट्रांसफर कर दिए. उसका कॉन्फिडेंस तब बड़ा जब उसने पहले इस अकाउंट से बेनेफिशरी अकाउंट ऐड किया और पहले 10 हज़ार और 20 हज़ार ट्रांसफर किए. इन रुपयों को ट्रांसफर करने में उसे कोई तकलीफ नहीं आई तो उसके बाद उसने लाखों रुपए अपने दोस्तों के अकाउंट में ट्रांसफर कर दिए.
ऐसा कैसा हुआ?
अब इस पूरे मामले की इस बात की तकनीकी जानकारी ना ही साइबर पुलिस समझ पा रही है और ना ही बैंक कि किसी अन्य बैंक के जानकारी और अकाउंट एप्लीकेशन में कैसे ऐड हो गया? कैसे उसने आसानी से दूसरे के बैंक अकाउंट में एक्सेस कर लाखों रुपए की फ्रॉड कर लिया? हालांकि इस मामले में साइबर पुलिस ने एक्सिस बैंक के मैनेजर को भी नोटिस दिया है. इस बात की जानकारी मांगी है कि आखिर यह गलती हुई कैसे? इस मामले में 5 आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है. फ़िलहाल पांचों आरोपी का कोई क्रिमिनल रिकॉर्ड नहीं है. बस लालच में आकर उन्होंने यह कदम उठाया है लेकिन इस प्रकार का फ्रॉड एक नए तरीके के फ्रॉड को सामने लाया है.