
AMR properties
दुबई स्थित रियल्टी फर्म एमार प्रॉपर्टीज ने सोमवार को बताया कि वह जम्मू-कश्मीर के श्रीनगर में 5 लाख वर्ग फुट का शॉपिंग मॉल विकसित करेगी. एमार ने एक बयान में कहा कि इस प्रस्तावित परियोजना में निवेश की सुविधा के लिए दुबई और जम्मू और कश्मीर की सरकारों के बीच एमओयू पर साइन कर दिए गए हैं.
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यह केंद्र शासित प्रदेश में पहला महत्वपूर्ण एफडीआई निवेश होगा.
जम्मू कश्मीर के लिए मील का पत्थर साबित होगी योजना
Financial express के अनुसार, एमार श्रीनगर में 5 लाख वर्ग फीट के आकार का ‘एमार मॉल’ विकसित करेगा. यूएई और भारत बड़े रणनीतिक साझेदार हैं और एमार की यह परियोजना जम्मू और कश्मीर में एक मील का पत्थर साबित होगी.
भारत में यूएई के राजदूत अहमद अब्दुल रहमान अल्बन्ना ने कहा, “यूएई और भारत की आर्थिक साझेदारी एक महत्वपूर्ण मोड़ पर है और हम अन्य यूएई इन्वेस्टर को भी इस अवसर पर बुलाएंगे.” एमार के संस्थापक मोहम्मद अलब्बार ने कहा कि कंपनी जम्मू और कश्मीर के निवासियों और पर्यटकों के लिए एक विश्व स्तरीय मॉल बनाने का इरादा रखती है.
रोजगार के महत्वपूर्ण अवसर होंगे पैदा
दुबई में भारत के महावाणिज्य दूत अमन पुरी ने कहा कि हम निकट भविष्य में घोषित होने वाली कई परियोजनाओं और इस प्रक्रिया में रोजगार के महत्वपूर्ण अवसर पैदा करने की उम्मीद कर रहे हैं. केंद्र शासित प्रदेश जम्मू और कश्मीर ने एक बहुत ही आकर्षक निवेश का माहौल बनाया है और यह एफडीआई परियोजना संयुक्त अरब अमीरात और भारत के बीच गहरे संबंधों को दिखाती है.
19,000 करोड़ रुपये के 39 एमओयू पर हस्ताक्षर
पिछले महीने, जम्मू और कश्मीर सरकार ने जम्मू में आयोजित एक रियल एस्टेट शिखर सम्मेलन में लगभग 19,000 करोड़ रुपये के 39 एमओयू पर हस्ताक्षर करके देश के रियल एस्टेट निवेशकों के लिए केंद्र शासित प्रदेश खोला गया था. आवास परियोजनाओं के विकास के लिए 20 एमओयू पर हस्ताक्षर किए गए, जबकि 7 को वाणिज्यिक के लिए, 4 हॉस्पेलिटी के लिए, 3 इंफ्राटेक, 3 फिल्म और मनोरंजन और 2 वित्त परियोजनाओं के लिए करार किया गया था.
भारतीय रियल एस्टेट बाजार में प्रवेश किया
2005 में एमार प्रॉपर्टीज ने भारत के एमजीएफ समूह के साथ साझेदारी में भारतीय रियल एस्टेट बाजार में प्रवेश किया और साझा बिजनेस एमार एमजीएफ लैंड के माध्यम से 8,500 करोड़ रुपये का निवेश किया. .
हालांकि, अप्रैल 2016 में इसने इस साझा बिजनेस को समाप्त करने का निर्णय लिया. जनवरी 2018 में, नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल (एनसीएलटी) ने एमार एमजीएफ लैंड की प्रस्तावित डिमर्जर योजना को मंजूरी दे दी थी जिससे दो संयुक्त उद्यम भागीदारों एमार प्रॉपर्टीज और एमजीएफ के लिए रास्ता खुला. एमार इंडिया मुख्य रूप से दिल्ली-एनसीआर और पंजाब में रियल एस्टेट परियोजनाओं का विकास कर रहा है.
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