
सन 1992 से हर वर्ष 10 अक्टूबर को विश्व मानसिक स्वास्थ्य दिवस मनाया जाता है | इसका उद्देश्य लोगों के बीच मानसिक स्वास्थ्य के बारे में जानकारी पैदा करना है | इसी उद्देश्य के चलते हैं अर्क टॉक की टीम जिसमें सौरव शर्मा ,निशांत सिंह ,विकास गावरी ,भगत सिंह और अभिषेक लूटे आज हरे कृष्ण मूवमेंट के स्वामी जी से मिलने पहुंचे |
जिस प्रकार लोग अनेक प्रकार की मानसिक बीमारियों से गुजर रहे हैं और कोविड के समय इस समस्या में और बढ़ोतरी देखने मिल रही है | इसी प्रकार की मानसिक अशांति को कैसे दूर करें स्वामी जी ने श्रीमद्भगवद्गीता सार के माध्यम से समझाया |
मुख्य बातें स्वामी जी द्वारा
अच्छे कर्म करें ,जैसे सब जगह कैमरा लगा हो
स्वामी जी बताते हैं कि व्यक्ति के कर्म ही उनके आने वाले अच्छे-बुरे समय को तय करती है | व्यक्ति जब अपने आम दिनचर्य में होता है ,तो कुछ ऐसे कर्म कर जाता है, जोकि प्रत्यक्ष और परोक्ष रूप से हो सकता है किसी को ठेस पहुंचा रही हो या वह चीज गलत हो चाहे स्वयं के लिए भी | पर हम इस बात को टाल देते हैं और ध्यान नहीं देते | जिस प्रकार जब हम कोई कार्यालय ,दुकान या ऐसी जगह जाते हैं जहां पर कैमरे लगे होते हैं तब कोई चाह कर भी वहां पर अनैतिक कार्य नहीं कर सकता, क्योंकि वहां कैमरे की वजह से पकड़े जाने का डर रहता है ,उसी प्रकार हमें भी अपने कर्मों पर ध्यान देना चाहिए क्योंकि काल भी उस कैमरे की भांति हमारे कर्मों पर नजर रखता है और फल उसी प्रकार मिलता है |
अशांति बाहर नहीं आपके अंदर है व्यर्थ विचारों से बचें
व्यक्ति बाहर समस्याओं को लेकर चिंतित हुआ रहता है , जिस पर उसका कोई नियंत्रण नहीं है | जैसे अगर क्रिकेट मैच में पसंदीदा टीम हार जाए तो उस बात को लेकर चिंतित होकर व्यर्थ का विषय पर सोच विचार करने बैठ जाता है ,इसी प्रकार ऐसे कई अनेक विषय हैं जो व्यर्थ हैं क्योंकि उन पर व्यक्ति का नियंत्रण नहीं है, तो उस पर सोच विचार करने का कोई फल नहीं है, इससे केवल मानसिक अशांति ही मिलेगी | इसलिए जितना हो सके विचारों पर ध्यान रखें और स्वयं से सवाल पूछे क्या यह विषय मुझे प्रभावित करता है या नहीं |