
Court News in Bilaspur: कोर्ट के आदेश की अवहेलना के आरोप में पुलिस ने आरोपित पति को जेल भेज दिया है। अब 30 दिन जेल में काटनी होगी। आरोपित पति को दीवाली जेल में ही मनानी होगी। बीते सुनवाई के दौरान कोर्ट ने गिरफ्तारी वारंट जारी कर दिया था। गिरफ्तारी वारंट के बाद भी पत्नी को गुजारा भत्ता देने से इनकार करने बाद कोर्ट ने सजा सुनाई है। बिलासपुर की युवती की शादी वर्ष 2013 में रायपुर के युवक से हुई थी। विवाद के चलते शादी के करीब डेढ़ साल बाद से दोनों अलग रह रहे हैं।
पत्नी अपने मायके में रह रही है। भरण पोषण के लिए अपने वकील के जरिये भरण पोषण के लिए परिवार न्यायालय में गुहार लगाई थी। आवेदन में पत्नी ने कहा है कि उनकी एक बेटा भी है। बेटा के भरण पोषण के लिए गुजर भत्ता की गुहार लगाई है। मामले की सुनवाई के बाद परिवार न्यायालय ने आवेदनकरता पत्नी को गुजारा भत्ता देने के निर्देश दिए थे। कोर्ट के आदेश के बाद भी पति ने पत्नी को कोर्ट द्वारा निर्धारित राशि देने से इनकार कर दिया।
हिदायत के बाद भी किया अनसुना
परिवार न्यायालय ने आरोपित पति को पत्नी व बच्चे की परवरिश के लिए गुजारा भत्ता देने की हिदायत दी थी। बार बार चेतावनी के बाद भी पति ने आदेश की अवहेलना कर दिया है। नाराज कोर्ट ने बीते सुनवाई के दौरान गिरफ्तारी वारंट जारी कर दिया था। कोर्ट ने नरमी दिखाते हुए एक और मौका दिया था।
परिवार न्यायालय की ये थी शर्त
परिवार न्यायालय ने मामले की सुनवाई के दौरान सशर्त आदेश जारी करते हुए कहा था कि आवेदनकर्ता पत्नी को भरण—पोषण के तौर पर दो लाख 87 हजार 200 रुपये का भुगतान करता है तो राशि कोर्ट में जमा करने कहा था। राशि जमा न करने पर जेल भेजने के निर्देश दिए थे।
कोर्ट के आदेश की अवहेलना, भुगतनी पड़ रही सजा
गुजारा भत्ते की मांग को लेकर दायर आवेदन पर परिवार न्यायालय में 12 अक्टूबर को सुनवाई हुई थी। इस दौरान पति ने भरण पोषण की रकम दो लाख 87 हजार 200 रुपये देने से यह कहते हुए इन्कार कर दिया कि वह वर्तमान में बेरोजगार है और एलएलबी की पढ़ाई कर रहा है। इस कारण रकम दे पाने में असमर्थ है। परिवार न्यायालय ने तर्क को नामंजूर करते हुए एक महीने के लिए जेल भेजने का आदेश जारी किया।