
छठ पर्व (Chhath Puja 2021) 3 दिनों तक मनाया जाता है और चौथे दिन सुबह उगते हुए सूर्य को अर्घ्य देकर इस उत्सव का समापन होता है। धर्म ग्रंथों के अनुसार, सूर्य पंचदेवों में से एक हैं और रोज सुबह सूर्य को अर्घ्य देने से धर्म लाभ के साथ ही सेहत को भी लाभ मिलते हैं।
उज्जैन के ज्योतिषाचार्य पं. मनीष शर्मा के अनुसार रोज सुबह सूर्य को अर्घ्य देते समय सूर्यदेव को 12 नामों का जाप करना चाहिए। ऐसा करने से घर में सुख-समृद्धि बनी रहती है। जानिए सूर्यदेव के 12 नाम और उनका अर्थ…
रश्मिमते – रश्मि का अर्थ है कीरणें और मते कहते हैं पुंज को। इस तरह इस नाम का अर्थ है हजारों किरणों का पुंज।
दिवाकर – दिवाकर यानी जो रात को खत्म करके दिन करता है। दिवाकर यानी जिसके आते ही अंधेरा खत्म हो जाता है।
आदिदेव – ये पूरा ब्रह्मांड सूर्य की वजह से ही है। इस कारण सूर्य को पृथ्वी का आदिदेव कहा जाता है।
प्रभाकर – सुबह को प्रभा भी कहते हैं। प्रभाकर यानी सुबह करने वाला।
सविता – सूर्य से प्रकाश उत्पन्न होता है और सविता का अर्थ है उत्पन्न करने वाला।
भुवनेश्वर – भुवनेश्वर यानी धरती पर राज करने वाला। सूर्य ही पूरी पृथ्वी का संचालन करते हैं। इसी वजह से इन्हें धरती का राजा माना जाता है।
सूर्य – सूर्य लगातार भ्रमण करते रहता है। सूर्य का अर्थ ही है भ्रमण करने वाला।
भानु – भानु तेज को कहते हैं। सूर्य का तेज यानी प्रकाश सभी के लिए एक समान रहता है, इस वजह से सूर्य को भानु भी कहते हैं।
रवि – मान्यता है कि ब्रह्मांड की शुरुआत रविवार से ही हुई थी और ज्योतिष में रविवार का कारक ग्रह सूर्य को माना जाता है। इस वजह सूर्य का एक नाम रवि है।
सप्तरथी – सूर्य सात घोड़ों के रथ पर सवार रहते हैं। इस वजह से इन्हें सप्त रथी कहा जाता है।
आदित्य – सूर्य अदिति और कश्यप ऋषि की संतान माने गए हैं। सूर्य का एक नाम आदित्य उनकी माता के नाम पर पड़ा है। इस नाम का अर्थ है कि जिस पर किसी बुराई का असर न हो।
दिनकर – इस नाम का अर्थ है जो दिन करने वाला है। सूर्य उदय के साथ ही दिन की शुरुआत हो जाती है। इस वजह से सूर्य को दिनकर भी कहते हैं।