
छत्तीसगढ़ के दुर्ग जिले के ओटेबंद गांव में धर्मांतरण (Chhattisgarh Religious Conversion) के लिए ईसाई मिशनरियों के पहुंचने के बाद तनाव की स्थिति पैदा हो गई. गुस्साए ग्रामीणों ने धप्म बदलवाने पहुंचे 40 से ज्यादा ईसाई समुदाय के लोगों को बंधक बना लिया. इसमें महिलाएं, पुरुष और बच्चे शामिल थे. गांव में तनाव इस कदर बढ़ गया कि नंदिनी पुलिस (Chhattisgarh Police) थाने में घटना की खबर दी गई. जिसके बाद पुलिस की टीम मौके पर पहुंची और ग्रामीणों को समझाने की बहुत कोशिश की. गांव के लोग कुछ भी समझने को तैयार ही नहीं थे.
वहीं इस बीच बीजेपी, विश्व हिंदू परिषद और शिवसेना के कार्यकर्ता (VHP Workers) भी बड़ी संख्या में पहुंच गए. वहां जय श्री राम के नारे लगवाए जाने लगे. हालात को बेकाबू होता देखकर दुर्ग मुख्यालय से पुलिस बल को मौके पर बुलवाना पड़ा. तब जाकर हालात पर काबू पाया जा सका. वहीं पुलिस ने मामले में कार्रवाई करते हुए धर्मांतरण के लिए पहुंचे ईसाई मिशनरियों (Christians) को हिरासत में ले लिया. यह घटना धमधा ब्लॉक की है. गांव में स्पेशल प्रेयर और धर्मांतरण की खबर से तनाव का मााहौल पैदा हो गया.
ग्रामीणों ने 40 ईसाइयों को बनाया बंधक
रायपुर समेत कई जगहों से पहुंचे पुरुष, महिलाओं और बच्चों ने गांव के भाटपारा इलाके में स्पेशल प्रेयर मीट का आयोजन किया था. जैसे ही ग्रामीमों को ये बात पता चली वे तुरंत वहां पर इकट्ठा हो गए. जब गांव के लोगों ने उनसे वहां पर आने की वजह पूछी तो वह इधर-उधर की बातं करने लग. उन्होंने खास प्रार्थना सभा की बात बताई. उनकी बातों से जब गांव के लोग संतुष्ट नहीं हुए तो उन्होंने कुछ लोगों की पिटाई भी कर दी. सभी को गांव के लोगों ने कम्युनिटी हॉल में बंद कर दिया. इस बीच नंदिनी पुलिस भी मौके पर पहुंच गई.
VHP कार्यकर्ताओं ने जलाया विधायक का पुतला
उन्होंने ग्रामीणों को समझाकर धर्मांतरण के लिए पहुंचे लोगों को हिरासत में ले लिया. वहीं वहां मौजूद बीजेपी, वीएचपी कार्यकर्ताओं ने स्थानीय विधायक का पुतला जलाया. वहीं नंदिनी टीआई लक्ष्मण कुमेटी ने बताया कि सभी के बयान दर्ज कर लिए गए हैं. मामले की जांच की जा रही है. वहीं अहिवारा विधानसभा क्षेत्र के पूर्व विधायक सांवलाराम डहरे का आरोप है कि कांग्रेस सरकार के सरक्षण में अनुसूचित जातियों वाले इलाकों में धर्मांचरण किया जा रहा है. उन्होंने कहा कि भोले भाले गरीबों को लालच लेकर धर्मांतरण के लिए मजबूर किया जा रहा है. इसे बिल्कुल भी बर्दाश्त नहीं किया जाएगा.