
प्रदेश (Chhattisgarh) में सरकार किसी की भी हो शिक्षा व्यवस्थाओं को लेकर हमेशा से सवाल उठते रहे हैं. सरकारें बेहतर शिक्षा देने के लिए कई योजनाएं तो बनाती है, लेकिन उन्हें जमीनी स्तर पर लाने में नाकाम दिखाई देती है. ऐसा ही एक और मामला सामने आया है, जो शिक्षा व्यवस्था की बदहाली को साफ दिखा रहा है. ये मामला सरगुजा संभाग के बलरामपुर (Balrampur) जिले का है, जहां शिक्षक खुद बोलते दिखे कि शराब के बिना पढ़ाना मुश्किल है. इसलिए शराब का सेवन करना पड़ता है.
स्कूल में शराब पीकर आने की कई खबरें
बता दें सरगुजा जिले के कई स्कूलों से पहले भी शराब पीकर आने की खबरें सामने आती रही हैं. इसके अलावा जिले के अधिकतर स्कूलों का कोई समय तय नहीं है, जिसके कारण स्कूल कभी भी बंद हो जाते हैं और सभी विषयों की पढ़ाई भी नहीं हो पाती है. कई जगह शिक्षक सिर्फ 2 या 3 घंटे ही पढ़ाते हैं और घर चले जाते हैं. सरगुजा से सामने आया ताजा मामला बढ़ा तो शिक्षक ने अपनी बोली बात पर माफ़ी तो भी मांग ली, लेकिन पढ़ाई का स्तर सुधरेगा या नहीं इसपर संदेह है.
टीएस सिंह देव ने दी दलील
प्रदेश से आ रही खराब शिक्षा व्यवस्था को लेकर स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंह देव से भी सवाल किए जाने लगे. इसपर उन्होंने कहा की सरगुजा संभाग ही नहीं कहीं भी स्कूलों से शराब के नशे में शिक्षक का स्कूल जाना दुर्भाग्यपूर्ण है और नियमों के खिलाफ है. उन्होंने कहा कि ऐसे लोगों को काम से चुरंत हटा देना चाहिए. मामले पर कार्रवाई होनी चाहिए.
कैसे बनाएंगे बच्चे अपना भविष्य
कोरोना काल के कारण लम्बे समय बाद प्रदेश सरकार ने स्कूल खोलने की अनुमति तो दी, लेकिन शिक्षा व्यवस्था को लेकर लगतार आ रही लापरवाही की खबरे परेशान करने वाली हैं. ऐसी अव्यवस्थाओं का आलम सरगुजा संभाग के कई स्कूलों में देखने को मिल रहा है. ऐसे में कहना बेहद मुश्किल है कि बच्चे अपना भविष्य कैसे बनाएंगे और अच्छी शिक्षा कैसे प्राप्त करेंगे. परिजनों द्वारा मामले पर सरकार की ओर से तुरंत कार्रवाई की मांग की जा रही है.