
एक तरफ सरकार हर घर में बिजली (Electricity) पहुंचाने और हर गरीब को आवास दिलाने की कोशिश में लगी है. इसके लिए सरकार सैकड़ों योजनाएं (Government Scheme) भी बनाती है, लेकिन जब योजनाएं प्रशासनिक स्तर पर लागू करने की बारी आती है तो तस्वीरें बदल जाती हैं. ऐसा ही एक मामला सामने आया है, जहां एक गरीब की महज 2220 रुपए का बिल बकाया होने पर बिजली काट दी. मामले पर कांकेर के डी एम चंदन कुमार से भी बात की गई तो उन्होंने पूरी जांच करवाने के बाद पीड़ित की समस्या का हल निकालने का आश्वासन दिया.
सरकारी विभागों पर करोड़ों का बकाया
कांकेर में एक गरीब की बिजली काट दी वहीं दूसरी तरफ जिले के कई विभागों पर करोड़ों रुपए का बकाया है, जिसपर कोई देखने वाला नहीं है. कांकेर के नगर पालिका में ही लगभग तीन करोड़ रुपए का बिजली बिल बकाया है. लेकिन प्रशासनिक अधिकारियों को उसकी चिंता नहीं है, बल्कि 70 साल के एक बुजुर्ग कचरू राम का बकाया बिल दिख रहा है. इसी को लेकर बुजुर्ग के घर में लगा सिंगल बत्ती कनेक्शन का सिर्फ 2220 का बिल बकाया होने के चलते कनेक्शन काट गए. बिजली कनेक्शन 11 अक्टूबर 2019 से कटा पड़ा है. बुजुर्ग पिछले दो साल से अंधेरे मे जिन्दगी जीने को मजबूर है. लेकिन विभाग को कोई फर्क नहीं पड़ रहा.
पत्नी का भी हो गया देहांत
कचरू राम की माली हालात काफी खराब हैं. ऐसे में वो बिल नहीं भर पा रहा है. इसी बीच उनकी पत्नी का देहांत भी हुआ. उस समय भी अंधेरे में ही क्रिया कर्म का काम किया गया. उसके लए भी आर्थिक संकट था, तो मोहल्ले के लोगों ने और ग्राम पंचायत ने उनकी मदद की. इसके अलावा हालात ये हैं कि उनके घर उज्जवला योजना के तहत गैस सिलेंडर तो है लेकिन रीफलिंग के लिए पैसा ही नहीं है. वो अभी भी चूल्हे पर खाना पकता हैं. ऐसे में सवाल यही खड़ा होता है कि कागजों पर सरकारी स्कीम लागू करने का क्या मतलब जब उसका लाभ गरीबों को मिलेगा ही नहीं.