
छत्तीसगढ़ में अगल हफ्ते छह अक्टूबर से मानसून की विदाई होनी शुरू हो जाएगी। गुरुवार 30 सितंबर को मानसून सीजन भी समाप्त हो गया। हालांकि शुक्रवार एक अक्टूबर को भी प्रदेश के विभिन्न क्षेत्रों में हल्की से मध्यम वर्षा होगी। साथ ही कुछ क्षेत्रों में बिजली भी गिर सकती है। छत्तीसगढ़ प्रदेश के अधिकतम तापमान में बदलाव की संभावना नहीं है। मौसम विज्ञानियों का कहना है कि एक जून से लेकर अब तक प्रदेश में कुल 1108 मिमी वर्षा दर्ज हुई है,जबकि सामान्य वर्षा 1142 मिमी है,जो सामान्य से तीन फीसद कम है।
गुरुवार सुबह से ही राजधानी रायपुर सहित प्रदेश के विभिन्न क्षेत्रों में बादल छाए रहे। साथ ही कुछ क्षेत्रों में तो बारिश भी हुई। बारिश की वजह से मौसम भी खुशनुमा रहा। मौसम विज्ञानी एचपी चंद्रा ने बताया कि एक चिन्हित कम दबाव का क्षेत्र उत्तर झारखंड व उससे लगे बिहार के ऊपर है। साथ ही ऊपरी हवा का चक्रीय चक्रवाती घेरा 7.6किमी ऊंचाई तक है।इसके प्रभाव से ही शुक्रवार एक अक्टूबर को भी प्रदेश के विभिन्न क्षेत्रों में बारिश के आसार है।
जून से सितंबर तक इस प्रकार रहा बारिश
जून महीने में सामान्य वर्षा 193.5 मिमी है,जबकि प्रदेश में 244.4 मिमी वर्षा दर्ज की गई। यह सामान्य से 26 फीसद अधिक थी। जुलाई माह में प्रदेश में 756 मिमी हुई। इस अवधि में 10 जिलों में अधिक बारिश रही और 17 जिलों में कम हुई। अगस्त माह में प्रदेश में कुल वर्षा 797.5 मिमी हुई। इस माह प्रदेश का औसत सामान्य वर्षा 15 फीसद कम रही। अगस्त में एक जिले में अधिक, 14 जिले सामान्य व 12 जिले में कम बारिश हुई। सितंबर महीने में कुल वर्षा 310 मिमी हुई,जो सामान्य से 48.5 फीसद अधिक रही। इस माह में 25 जिलों में सामान्य व दो जिलों में कम वर्षा हुई।
मानसून विदाई के लक्षण
1. राजस्थान के ऊपर एक प्रति चक्रवात बनना चाहिए।
2. उस उपखंड में लगातार पांच दिनों वर्षा नहीं होना चाहिए।
3. वातावरण में नमी के स्तर में सार्थक कमी होना चाहिए।