
स्कूली बच्चों को भारी-भरकम बैग से निजात दिलाने के लिए सूरजपुर (Surajpur) के एक सरकारी स्कूल (Government School) ने नई पहल शुरू की है. यहां के शिक्षक ने स्कूल को बैगलेस (Bag Less) कर दिया है, यानी अब बच्चे बिना बैग के स्कूल जा सकेंगे. यहां के बच्चों को अब भारी भरकम बैग उठाकर नहीं ले जाना पड़ेगा. इतना ही नहीं बच्चों के मानसिक और शारीरिक विकास (Mental And Physical Growth) के लिए इन्हें कई तरह की ट्रनिंग दी जा रही है. बच्चों के बैग के बढ़ते वजन को लेकर सुप्रीम कोर्ट भी कई बार सुझाव दे चुकी है.
शिक्षा विभाग भी हुआ मुरीद
स्कूल प्रबंधन ने सिर्फ किताबी पढ़ाई की जगह नए तरीके से बच्चों का विकास करने के लिए कई नए रास्ते अपनाए हैं. अब बच्चों को खेती करने की ट्रेनिंग भी दी जा रही है. स्कूल कैंपस में ही बच्चों को सब्जी उगाना सिखाया जा रहा है. इस अनोखी पहल को सभी सराह रहे हैं. इस काम को देख जिला शिक्षा विभाग के अधिकारी भी मुरीद हो गए हैं और इसी तर्ज पर जिले के कई स्कूलों को बैगलैस करने की तैयारी की जा रही है.
कहां का है मामला
सुरजपुर से लगभग 10 किमी दूर रुनियाडीह गांव का एक सरकारी स्कूल इस समय सुर्ख़ियों में है. कारण है इस स्कूल में बैगलैस सिस्टम और स्कूल में सब्जियां उगाने की पद्धति सिखाने की नई पहल. यह जिले का पहला स्कूल है जहां इस तरह का नया फॉर्मुला अपनाया गया है. ये सब संभव हो पाया है प्रिंसिपल सिमांचल त्रिपाठी की वजह से. सिमांचल त्रिपाठी को ये विचार अमेरिका के स्कूलों के बारे में पढ़कर आया. साथ ही इसमें छात्रों और उनके परिजनों ने भी भरपूर साथ दिया और आज यह छोटा सा स्कूल चर्चा का विषय बना हा है.
छात्र और शिक्षक सभी खुश हैं
बच्चों को किताबी पढ़ाई के साथ कई तरह की ट्रेनिंग मिल रही है. छात्र मेहनत करके स्कूल कैंपस में ही सब्जियां उगाते हैं. इन सब्जियों में कंपोस्ट खाद का उपयोग किया जाता है. जहां एक और बच्चों का बोझ कम हुआ है, वहीं बच्चे शारीरिक मेहनत कर खेती के नए गुण सीखने के साथ ही पौष्टिक सब्जियां भी प्राप्त करते हैं. जहां इस पहल से छात्र और शिक्षक सभी खुश हैं वहीँ जिला शिक्षा अधिकारी भी इस पहल की तारीफ़ कर रहे हैं. बैगलैस की सफलता को देखकर अब शिक्षा विभाग इस साल जिले के अन्य कई स्कुलों को बैगलैस करने की तैयारी में हैं. अधिकारी स्कूल और प्रिंसिपल की खूब तारीफ कर रहे हैं.