
Conversion in Chhattisgarh: मंगला के गंगा नगर में रहने वाली महिला ने अपने पति पर बंधक बनाकर मतांतरण कराने का आरोप लगाया है। साथ ही पीड़ित ने दहेज में आठ लाख स्र्पये मांगने की शिकायत सिविल लाइन थाने में की है। इस पर पुलिस शिकायत मामले की जांच कर रही है। मंगला के गंगानगर में रहने वाली आभा पात्रे ने अपनी शिकायत में बताया कि 2018 में उसकी पहचान देवीनगर जरहाभाठा में रहने वाले आशीष पात्रे से हुई। इसके बाद उन्होंने 13 फरवरी को रायपुर के आर्य समाज मंदिर में विवाह कर लिया। विवाह के बाद वे अपने पति आशीष के साथ ससुराल चली गईं।
ससुराल में ससुर लक्ष्मण दास, सास विमला व अन्य ने मतांतरण के लिए दबाव बनाना शुरू कर दिया। 26 फरवरी 2019 को सास विमला पात्रे ने मतांतरण नहीं करने पर बहू के रूप में स्वीकार करने से इन्कार किया। 23 मार्च को ससुराल वाले उन्हें जबरन निपनिया ले गए। यहां तीन दिन तक बंधक बनाकर रखा गया। इसके बाद आभा को जबरन ईसाई धर्म स्वीकार कराया। मतांतरण के बाद मई में उसका फिर से चर्च में विवाह कराया गया। दूसरी बार शादी के बाद ससुराल वाले आशीष की नौकरी के लिए आठ लाख स्र्पये की मांग करने लगे। मना करने पर उन्होंने प्रताड़ित करना शुरू कर दिया।
आभा ने इसकी शिकायत महिला थाने में की। समझाइश के बाद ससुराल वाले उसे साथ रखने को राजी हो गए। बाद में उसे आशीष अपने गृहग्राम पथरिया क्षेत्र के बरछा ले गया। वहां 15 दिन रहने के बाद आशीष अपनी पत्नी को अकेले छोड़कर शहर आ गया। दो दिन अकेले रहने के बाद आभा ने अपने पिता को फोन कर बुलाया। इसके बाद वह मायके में रहने लगी। जनवरी 2021 में आशीष ने आभा से माफी मांगी। इसके बाद ससुराल आना जाना शुरू कर दिया। इस बीच आभा गर्भवती हो गई तो उसे अपनाने से इन्कार दिया। महिला ने इसकी शिकायत सिविल लाइन थाने में की है। इस पर पुलिस जुर्म दर्ज कर मामले की जांच कर रही है।