
प्रयागराज, जागरण संवाददाता। साइबर शातिरों की चालबाजी से बचकर रहने की जरूरत है वरना बड़ा झटका लग सकता है। ये शातिर फोनकर आपको एनी डेस्क एप डाउन लोड करने के लिए कहते हैं और इनके झांसे में आकर आप जैसे ही ऐसा करते हैं तो आपके बैंक खाते से रकम कटने लगती है। ऐसा ही हुआ कीडगंज इलाके में रहने वाली एक महिला समेत तीन लोगों के साथ जिनके खाते से मोटी रकम शातिरों ने उड़ा दी। खलासी लाइन कीडगंज निवासी फणीधर श्रीवास्तव के पास एक अनजान शख्स ने फोन किया और कहा कि उनका बीएसएनएल का सिम सस्पेंड हो गया है। अगर उसे एक्टिव करना है तो 10 रुपये का रिचार्ज करिए। जब उन्होंने बैंक आफ बड़ौदा के एकाउंट से रिचार्ज किया तो नहीं हुआ। तब शातिर शख्स ने उनके मोबाइल पर एनी डेस्क एप डाउनलोड कराया और फिर कई बार में 98 हजार रुपये गायब कर दिया। इसी तरह नई बस्ती मोहल्ले की रजनी गुप्ता के मोबाइल पर लिंक भेजकर शातिर ने 80 हजार रुपये निकाल लिए। एक अन्य घटना में रामबाग निवासी अजय कीर्ति के बैंक खाते से 29 हजार रुपये गायब किए गए। भुक्तभोगियों ने कीडगंज थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई है। साइबर सेल अब शातिर साइबर क्रिमिनल का पता लगाकर उन तक पहुंचने का प्रयास कर रही है।
कारोबारी से सवा लाख की ठगी
प्रयागराज : ट्रक में माल लोड कर उसे पहुंचाने के नाम पर एक शातिर शख्स ने कारोबारी संदीप केशरवानी से एक लाख 30 हजार रुपये ठग लिए। पैसा वापस मांगने पर उसने गाली-गलौज करते हुए जान से मारने की धमकी भी दी। घटना के बाद पीड़ित ने कीडगंज थाने में विनोद नागर के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराई है। कीडगंज निवासी कारोबारी ने करीब डेढ़ माह पहले नैपियर ग्रास भेजने के लिए आनलाइन ट्रांसपोर्टर के बारे में पता लगाया। कुछ देर बाद उनके पास विनोद नागर ने फोन किया और माल पहुंचाने के लिए ट्रक भेजने की बात कही। ट्रक आने के बाद कारोबारी ने उसके एकाउंट में एक लाख 30 हजार रुपये ट्रांसफर कर दिए, मगर बाद में पता चला कि दोनों ट्रक किसी और ट्रांसपोर्टर के थे। पुलिस मामले की जांच कर रही है।
फेसबुक पर युवक को बदनाम करने की कोशिश
प्रयागराज : पीली कोठी कीडगंज निवासी आयुष अरोरा की तस्वीर फेसबुक पर लगाकर उसे बदनाम करने की कोशिश की गई। आयुष का कहना है कि जब वह अपना फेसबुक देख रहा था तभी फ्रेंड लिस्ट में येसढन सलमान नाम का एकाउंट है, लेकिन उस पर आयुष की तस्वीर लगी थी। यह देख वह परेशान हो गया और अनहाेनी की आशंका जताते हुए पुलिस में शिकायत दी। पुलिस साइबर सेल की मदद से मामले की जांच कर रही है।