
हिंदू धर्म में दिवाली का त्योहार हर साल खास होता है, लेकिन ज्योतिष की नजर से भी यह दिवाली खास होने वाली है। इस साल दिवाली का त्योहार 4 नवंबर को गुरुवार के दिन मनाया जाएगा। इस दिन चार ग्रह एक ही राशि में रहेंगे। इस वजह से शुभ योग बन रहा है, जो कई सभी राशियों के लोगों को फायदा पहुंचाएगा। दिपावली के त्योहार पर धन की देवी और गणपति बप्पा की पूजा की जाती है। इस शुभ योग में मां लक्ष्मी की पूजा करने से देवी बहुत प्रसन्न होंगी और अपने भक्तों पर दिल खलकर कृपा बरसाएंगी।
दीपावली का पर्व कार्तिक मास की कृष्ण पक्ष की अमावस्या को मनाया जाता है। इस साल यह दिन 4 नवंबर को है और इसी दिन सूर्य, बुध, मंगल और चंद्रमा तुला राशि में गोचर करेंगे। चार ग्रहों की इस युति से दीपावली के दिन शुभ योग बन रहा है।
क्या हैं ज्योतिषीय समीकरण
दीपावली के दिन सूर्य, बुध, मंगल और चंद्रमा तुला राशि में गोचर करेंगे। तुला राशि के स्वामी शुक्र हैं और लक्ष्मी जी की पूजा के लिए शुक्रवार का दिन सबसे अच्छा माना जाता है, क्योंकि लक्ष्मी जी की पूजा से शुक्र ग्रह के शुभ परिणाम और बढ़ जाते हैं। ज्योतिष के अनुसार शुक्र ग्रह अच्छी जिंदगी, सुख-सुविधाओं आदि का कारक होता है, जबकि सूर्य ग्रहों के राजा, मंगल को ग्रहों के सेनापति और बुध ग्रहों के राजकुमार माने जाते हैं। वहीं चंद्रमा को मन का कारक होता है। इसके अलावा सूर्य पिता तो चंद्रमा को माता माना गया है। ऐसे में जब ये सभी शुभ ग्रह एक साथ एक ही राशि में रहते हैं तो सभी लोगों के लिए बहुत ही शुभ परिणाम देते हैं।
दिवाली के शुभ मुहूर्त
दिवाली का त्योहार इस साल 4 नवंबर, गुरुवार के दिन मनाया जाएगा। इस दिन अमावस्या की तिथि सुबह 6 बजकर 3 मिनट से शुरू होगी और 5 नवंबर को सुबह 2 बजकर 44 मिनट पर समाप्त होगी। इस दौरान 4 नवंबर को शाम 6 बजकर 9 मिनट से रात 8 बजकर 20 मिनट तक दिवाली लक्ष्मी पूजा का शुभ मुहूर्त रहेगा। दिवाली लक्ष्मी पूजा का शुभ मुहूर्त की कुल अवधि 1 घंटे 55 मिनट की होगी।