
दुबई एक्सपो (Dubai Expo 2020) में इस बार भारतीय पैविलियन (indian pavilion expo 2020) में आपको तकनीक और परंपरा एक साथ कदम से कदम मिलाकर चलते हुए दिखेंगे. भारतीय पैविलियन से बाहर निकलते हुए इस बार अयोध्या में बन रहे राम मंदिर, अबुधाबी में बनने जा रहे बीएपीएस (बोचासनवासी श्री अक्षर पुरुषोत्तम स्वामीनारायण) हिंदू मंदिर, वाराणसी के घाट और स्टैच्यू ऑफ यूनिटी देखने को मिलेगी. शुक्रवार को जब एक्सपो शुरू हुआ तो लोगों का ध्यान बीएपीएस हिन्दू मंदिर और राम मंदिर की रेप्लिका पर गया. यह शायद पहला उदाहरण है जब राम मंदिर को विदेशों में भारतीय विरासत के हिस्से के रूप में पेश किया जा रहा है. 1 लाख वर्ग फुट में फैले तीन मंजिला पैविलियन में ताजमहल, रानी की वाव, कोणार्क के सूर्य मंदिर और वाराणसी के काशी विश्वनाथ मंदिर की रेप्लिका भी लगी हुई है. इसके साथ पहली मंजिल पर योग और पर्यावरण से भी जुड़ी चीजों की मौजूदगी है. इसके साथ ही राज्य और केंद्र सरकार के कंपनियों की भी प्रदर्शनियां लगी हुई हैं.
अंग्रेजी अखबार टाइम्स ऑफ इंडिया के अनुसार पैवेलियन के निर्माण में अहम योगदान देने वाले सीपी कुकरेजा आर्किटेक्ट्स के प्रबंध निदेशक दीक्षु सी कुकरेजा ने कहा ‘इमारत के सामने के हिस्से पर सांस्कृतिक और दूसरी तरफ व्यापारिक पहलुओं को रखने का आइडिया था. हमने राम मंदिर को ग्राउंड फ्लोर पर रखने का विकल्प चुना ताकि विजिटर अपने दिमाग में उसे लेकर वहां से बाहर जाए.’
6 महीने चलेगा इवेंट, हर हफ्ते बदलेगा डिस्प्ले
दुबई एक्सपो के लिए पैविलियन का निर्माण सरकारी एनबीसीसी ने किया तो वहीं फिक्की को यह तय करने का काम सौंपा गया था कि क्या दिखाना है. भारतीय संस्कृति को एक प्रमुखता से प्रदर्शित करने के निर्णय के साथ सरकार ने अहम जानकारी दी. वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी अपनी राय दी. अगले छह महीनों में डिस्प्ले हर हफ्ते बदलता रहेगा.
एक्सपो 2020 दुबई में भारत का ‘इंडियन पैविलियन’ कोविड के बाद की दुनिया में पांच खरब डॉलर की अर्थव्यवस्था बनने के लिए भारत के रिवाइवल का प्रदर्शन कर रहा है. प्रदर्शनी में न केवल जीवंत भारतीय संस्कृति और इसके पहले की झलक है बल्कि इसमें देश के वर्तमान में इसकी क्षमताओं और अवसरों का इस तरह प्रदर्शन किया गया है जिससे पता चल सके कि देश घरेलू एवं विदेशी निवेशक का वैश्विक केंद्र है.