
High Court News: जशपुर जिले के ग्रामीण अंचल में आदिवासियों के देवी देवताओं की प्राचीन मूर्तियां रहस्यमय ढंग से गायब हो रही है। स्थानीय जिला प्रशासन को भी इस संबंध में कोई जानकारी नहीं है। अचरज की बात ये कि राज्य शासन को भी यह नहीं पता कि प्राचीन मूर्तियां गायब कैसे हो रही है। खास बात ये कि जिन मूर्तियों की चोरी हो रही है सभी संरक्षित है और प्राचीन है। ग्रामीणों ने छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट में याचिका दायर कर इस पूरे मामले की सीबीआइ जांच की मांग की है।
याचिकाकर्ता सरहुल सरना महोत्सव समिति जशपुर ने आशंका जाहिर की है कि प्राचीन मूर्तियों की तस्करी तो नहीं हो रही है। जनहित याचिका में याचिकाकर्ता सरहुल सरना महोत्सव समिति जशपुर ने जिला पंचायत सीईओ द्वारा दी गई जानकारी को आधार बनाते हुए अपनी याचिका में राज्य शासन पर आरोप लगाते हुए कहा है कि जशपुर अंचल के आदिवासी क्षेत्र से संरक्षित मूर्तियों को राज्य शासन द्वारा जबरिया उठवाया जा रहा है। सुनवाई के दौरान संरक्षित प्राचीन मूर्तियों की चोरी के मामले में सीबीआइ जांच का मामला भी उठा।
इस पर सीबीआइ के वकील ने हाई कोर्ट के निर्देश पर जांच के लिए तैयार रहने की जानकारी दी। राज्य शासन ने महाधिवक्ता कार्यालय के अपने विधि अधिकारियों के माध्यम से जवाब पेश करते हुए कहा कि मूर्तियांे को उठवाने में राज्य शासन की कोई भूमिका नहीं है। शासन को इस बात की जानकारी भी नहीं है कि मूर्तियां किसके कहने पर उठाई जा रही है और कहां लेकर जा रहे हैं। शासन द्वारा पेश जवाब के बाद याचिकाकर्ता समिति की ओर से उनके वकील ने कोर्ट को बताया कि जिला पंचायत जशपुर के सीईओ व तहसीलदार ने कलेक्टर के आदेश पर मूर्तियों को हटाने की जानकारी दी थी।
याचिकाकर्ता ग्रामीणों की तरफ से मामले को संदिग्ध मानते हुए सीबीआइ जांच की मांग की। आदिवासियों की संस्था सरहुल सरना महोत्सव समिति जशपुर ने हाई कोर्टको बताया है कि जशपुर जिले के विभिन्न् ग्रामों में पूर्वजों द्वारा स्थापित और संरक्षित सैकड़ों वर्ष पुरानी देव मूर्तियों और प्राचीन चिन्हों को राज्य शासन द्वारा उठवाया जा रहा है।
डिवीजन बेंच ने शासन ने मांगा जवाब
हाई कोर्ट के डिवीजन बेंच ने राज्य सरकार को नोटिस जारी कर पूरे प्रकरण की बिंदुवार जानकारी मांगी है। मसलन चोरी गई या गायब हुई मूर्तियों की जानकारी, कब रिपोर्ट लिखी गई, कब- क्या कार्रवाई हुई। शासन को 16 नवंबर से पहले डिवीजन बेंच के समक्ष जानकारी पेश करनी होगी। अगली सुनवाई के लिए कोर्ट ने 16 नवंबर की तिथि तय कर दी है।