
पुरुष टी20 विश्व कप 2021 का आयोजन संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) और ओमान में होना है। यह टूर्नामेंट 17 अक्टूबर से 14 नवंबर के बीच खेला जाएगा। विश्व कप के आगाज से पहले इंटरनेशनल क्रिकेट काउंसिल (आईसीसी) ने दो जबरदस्त नियम के इस्तेमाल को लेकर बड़ा ऐलान किया है।
पहली बार लागू होगा डीआरएस
पहला नियम डिसीजन रिव्यू सिस्टम (डीआरएस) है, जो अंपायर द्वारा फैसला देने में हुई चूक को सुधारने में मददगार साबित होगा। बता दें कि पुरुष टी20 विश्व कप में पहली बार डीआरएस का उपयोग किया जाएगा। हर टीम को प्रत्येक पारी में डीआरएस के दो मौके मिलेंगे। इससे पहले टी20 विश्व कप में कभी डीआरएस का उपयोग नहीं किया गया।
आईसीसी की गवर्निंग काउंसिल ने बीते साल जून में कोरोना महामारी की वजह से कई मुकाबलों में अनुभवी अंपायर की गैरमौजूदगी को ध्यान में रखते हुए तीनों फॉर्मेट में एक अतिरिक्त असफल रिव्यू बढ़ाने का निर्णय किया था। आखिरी बार जब 2016 में टी20 विश्व कप खेला गया था तब इस फॉर्मेट में डीआरएस का उपयोग नहीं किया जाता था। डीआरएस का किसी आईसीसी टी20 टूर्नामेंट में पहली बार वेस्टइंडीज में खेले गए महिला टी20 विश्व कप 2018 में उपयोग किया गया था।
सेमीफाइनल और फाइनल मैचों के लिए नियमों में बदलाव
नियम में बदलाव ये लाया गया है कि टी20 वर्ल्ड कप के लीग स्टेज में बारिश से बाधित मैच में डकवर्थ लुईस नियम के तहत हर एक टीम को कम से कम 5 ओवर बल्लेबाजी करने की जरूरत है। वर्तमान में अंतरराष्ट्रीय टी20 क्रिकेट में ऐसे ही नियम हैं। लेकिन सेमीफाइनल और फाइनल मैच में बारिश बाधा बनती है तो ओवर की संख्या को बढ़ा दिया जाएगा।
सेमीफाइनल और फाइनल मैचों के लिए इसे 10 ओवर तक बढ़ा दिया गया है। नॉक आउट मैचों के दौरान किसी मैच में बारिश खलल डालती है तो उसका परिणाम लाने के लिए दोनों टीमों को कम से कम 10 ओवर खेलने होंगे। ऑस्टेलिया में पिछले साल खेले गए महिला टी20 वर्ल्ड कप में भी यही नियम था, जहां दोनों सेमीफाइनल मैच बारिश से प्रभावित हुए थे।