
भारत आज दुनिया के सबसे खुफिया क्लब यानि फाइव आइज में शामिल हो रहा है। अमेरिका की अगुवाई वाले ‘फाइव आईज’ क्लब (Five Eyes Club) में भारत को भी अब शामिल किया जा रहा है।
‘फाइव आईज’ को मानवीय इतिहास में सबसे कुशल खुफिया जानकारी जुटाने वाले अलाएंस के तौर पर माना जाता है। अमेरिका के स्पेशल ऑपरेशंस और इंटेलिजेंस पर संसद की आर्म्ड सर्विसेज सबकमिटी के चेयरमैन सीनेटर रूबेन गलिगो ने 2022 के लिए रक्षा विधेयक पर बात करते हुए नेशनल इंटेलिजेंस के डायरेक्टर से फाइव आईज क्लब को समान विचारों वाले लोकतांत्रिक देशों के लिए खोलने से जुड़े फायदे और नुकसान पर रिपोर्ट करने को कहा है।
आपको ता दें कि फाइव आईज क्लब में अब जापान, दक्षिण कोरिया और भारत को भी शामिल किया जा सकता है। इनके साथ ही उन यूरोपीय देशों को भी शामिल किया जा सकता है, जो चीन के खिलाफ आसन्न शीत युद्ध में विश्वास करते हैं।फाइव आईज की सदस्यता भारत के लिए चीन के खिलाफ काफी मददगार साबित होगी। चीन के रणनीतिक कम्युनिकेशन को भेद पाना और जानकारी जुटा पाना, साथ ही लैंग्वेज और क्षेत्रीय विशेषज्ञों का पूल बना पाने के मामले में भारत हमेशा से संघर्ष करता रहा है।फाइव आइज़ की उत्पत्ति द्वितीय विश्व युद्ध में अमेरिका और ब्रिटेन के बीच खुफिया जानकारियों के आदान प्रदान के लिए हुई थी। 1955 में इसे औपचारिक गठबंधन के तहत विस्तार दिया गया और अंग्रेजी बोलने वाले लोकतांत्रिक देशों को शामिल किया गया। इसके तहत पांच देशों द्वारा दुनिया भर में श्रवण केंद्र (Listening stations) चलाए जा रहे हैं।