
“भारतीय वायु सेना” की स्थापना 8 अक्टूबर 1932 में हुई थी | एयर मार्शल सुब्रतो मुखर्जी ने 1 अप्रैल 1954 को प्रथम वायु सेना प्रमुख का कार्यभार संभाला था | 1950 के पहले वायु सेना को रॉयल वायु सेना नाम था, फिर 1950 के पूर्ण गणतंत्र के बाद भारतीय वायुसेना नाम दिया गया |
भारतीय वायु सेना का पराक्रम
चाहे वह 1962 का भारत चीन युद्ध या 1965 का भारत पाकिस्तान युद्ध या कारगिल, हर मोर्चे पर भारतीय वायुसेना ने मुंह तोड़ जवाब दिया है , जिसका इतिहास गवाह है | भारतीय वायु सेना का आदर्श वाक्य “नभः स्पृशं दीप्तम् “इसका अर्थ है आकाश को स्पर्श करने वाले देदीप्यमान |
भारतीय वायु सेना का पराक्रम पूरी दुनिया मानती है, तभी तो दुनिया की चौथी सबसे बड़ी वायु सेना है | इसलिए कहते हैं ना की,
कोई क्या करेगा हमसे ऊंचाइयों की बातें,
हम तो हिमालय के ऊपर से उड़ाने भरते हैं |
भारती वायु सेना के बारे में गौरवान्वित तथ्य
भारतीय वायु सेना ने कई बड़े मिशन को अंजाम दिया है जैसे ऑपरेशन विजय- गोवा अधिग्रहण, ऑपरेशन कैक्टस, ऑपरेशन मेघदूत आदि ऐसे कई |
नभः स्पृशं दीप्तम् यह गीता के 11 वीं अध्याय से लिया गया है भगवान श्री कृष्ण जब अर्जुन को उपदेश दे रहे थे |
भारतीय वायुसेना विश्व की चौथी सबसे बड़ी वायु सेना है |