
विश्वभर में भले ही अभी कोरोना महामारी का आतंक चल रहा हो, लेकिन इससे भी अधिक खतरनाक है आतंकवाद का खतरा। ऐसे में भारत के विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने दुनिया के सामने आतंकवाद के मसले पर भारत का कड़ा रूख रखते हुुए एकजुट होने की अपील की। भारत सरकार ने मंगलवार को कहा कि अंतरराष्ट्रीय समुदाय को आतंकवाद के खिलाफ गंभीरता से उसी तरह एकजुट होना चाहिए जिस तरह कि वह जलवायु परिवर्तन और महामारी जैसे मुद्दों पर एकजुट होता है, क्योंकि सीमा पार से संचालित होने वाली यह बुराई कोई शासन कला नहीं, बल्कि दहशतगर्दी का ही एक अन्य स्वरूप है। सीआईसीए की बैठक में बोले जयशंकर
विदेश मंत्री एस जयशंकर ने एशिया में वार्ता और विश्वास निर्माण उपाय सम्मेलन (सीआईसीए) के विदेश मंत्रियों की छठी बैठक को संबोधित करते हुए यह भी कहा कि आपसी संपर्क से संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता के लिए अंतरराष्ट्रीय संबंधों के सम्मान के सबसे बुनियादी सिद्धांत का पालन होना चाहिए।
सीमा पार से संचालित होने वाला आतंकवाद कोई शासन कला नहीं- जयशंकर
उन्होंने कहा, ”यदि शांति और विकास हमारा साझा लक्ष्य है, तो हमें आतंकवाद रूपी सबसे बड़े शत्रु की नकेल कसनी होगी। आज और इस युग में, हम एक देश द्वारा दूसरे दूसरे के खिलाफ इसका इस्तेमाल किए जाने को बर्दाश्त नहीं कर सकते। सीमा पार से संचालित होने वाला आतंकवाद कोई शासन कला नहीं, बल्कि दहशतगर्दी का ही एक अन्य स्वरूप है।” उन्होंने कहा कि अंतरराष्ट्रीय समुदाय को इस बुराई के खिलाफ उसी तरह एकजुट होना चाहिए जिस तरह कि वह जलवायु परिवर्तन और महामारी जैसे मुद्दों पर एकजुट होता है।