
“लाल बहादुर शास्त्री” जी का जन्म 2 अक्टूबर 1904 में मुगलसराय उत्तर प्रदेश में हुआ था | वह बड़े साधारण परिवार से थे | उनके पिता जी एक शिक्षक थे | 1926 में काशी विद्यापीठ ने शास्त्री जी को “शास्त्री” की उपाधि दी |
जब शास्त्री जी ने दिया था ,जय जवान जय किसान का नारा
निसंदेह शास्त्री जी का प्रतिनिधित्व पंडित नेहरू से काफी अच्छा था | भारत की जनता भी शास्त्री जी की हर बात का पालन करती थी | जब एक बार भारत में खाद्य की कमी हो गई थी, तब शास्त्री जी ने हफ्ते में एक बार अन्न ना ग्रहण करने का संकल्प लिया था | शास्त्री जी का साथ देते हुए भारत की जनता ने भी हफ्ते में एक दिन का व्रत स्वरूप भोजन छोड़ दिया था | तो इसी बात से अंदाजा लगाया जा सकता है कि शास्त्री जी का सम्मान जनता किस प्रकार करती थी |
जय जवान जय किसान का नारा देते हुए शास्त्री जी ने किसानों के प्रति भी सम्मान की भावना रखी, वह हर तरीके से किसानों के उद्धार के लिए काम करते रहते थे | उनका मानना था की देश के भीतर किसान और देश की रक्षा के लिए जवान दोनों ही महत्वपूर्ण हैं |
उनकी मृत्यु की गुत्थी जो आज तक नहीं सुलझी
1962 में जवाहरलाल नेहरू के नेतृत्व में भारत को चीन से युद्ध में हार का सामना करना पड़ा और साथ ही भारत का बड़ा हिस्सा चीन ने कब्जा कर लिया | पाकिस्तान ने भी यह समझ लिया था कि अब भारत को हराया जा सकता है और उसने शास्त्री जी के नेतृत्व को हल्के में लिया | 1965 में जब भारत पाकिस्तान में युद्ध हुआ तब शास्त्री जी ने सेना को खुली छूट दी , जिसका परिणाम यह हुआ कि भारतीय सेना लाहौर तक जीत गई थी और लाहौर समझो भारत का हिस्सा होने वाला था |
रूस और अमेरिका ने भारत के प्रधानमंत्री को रूस के ताशकंद समझौते के लिए बुलाया, जिसका उद्देश्य यह था कि लाहौर तक जीती हुई जमीन को वापस कर देना | शास्त्री जी ने सीधा जवाब देते हुए कहा कि मेरे प्रधानमंत्री रहते सेना वापस नहीं होगी और समझौता रद्द कर दिया गया | पाकिस्तान के प्रधानमंत्री अयूब खान के साथ युद्ध विराम समझौता के 1 घंटे बाद ही शास्त्री जी की संदिग्ध मृत्यु हो गई, वह दिन था 11 जनवरी 1966 |