
श्रीनगर, राज्य ब्यूरो। कश्मीर में गैर मुस्लिम और विस्थापित कश्मीरी हिंदू कर्मचारियों व अधिकािरयों की सुरक्षा के लिए प्रशासन ने बुधवार को एक महत्वपूण्र कदम उठाा है। कश्मीर के मंडलायुक्त पांडुरंग के पोले ने आदेश जारी किया है कि उक्त कर्मचारियों व अधिकारियों को दूरदराज इलाकों के बजाय सुरक्षित जगहों पर तैनात किया जाएगा। यह आदेश कश्मीर में अल्पसंख्यकों में सुरक्षा व विश्वास की भावना पैदा करने के लिए दिया गया है।
मंडलायुक्त कश्मीर पांडुरंग के पोले ने कहा कि कश्मीर में सभी जिला उपायुक्तों और एसएसपी को निर्देश दिया गया है कि वे अपने-अपने कार्याधिकार क्षेत्र में विभिन्न राजनीतिक नेताओं-कार्यकर्ताओं की सुरक्षा को सुनिश्चित बनाने के लिए सभी आवश्यक कदम उठाएं। इसके अलावा वह विभिन्न राजनीतिक दलों के नेताओं और प्रतिनिधियों से निजी तौर पर मुलाकात कर उनकी सुरक्षा, आवास व अन्य सुविधाओं के संदर्भ में शंकाओं का समाधान करें।
सभी जिला उपायुक्त और एसएसपी सभी माइग्रेंट कालोनियों और अल्पसंख्यकों की बस्तियों का नियमित दौरा कर उनकी सुरक्षा व्यवस्थ का जायजा ले रहे हैं। वे अल्पसंख्यक समुदाय के लोगों के साथ निरंतर संवाद कर उनमें सुरक्षा और विश्वास की भावना पैदा कर रहे हैं।उन्होंने कहा कि सभी संबधित प्रशासनिक अधिकारियों को निर्देश दिया गया है कि वह कुछ समय के लिए किसी भी विस्थापित कश्मीर पंडित कर्मी या किसी अन्य अल्पसंख्यक कर्मी को दुर दराज या फिर आतंकवाद की दृष्टि से संवेदनशील कहे जाने वाले इलाके में तैनात न करें।कर्मियों को किसी निकटवर्ती सुरक्षित स्थान पर ही तैनात किया जाए।
इस बीच, कश्मीर के 28 प्रमुख व्यापारिक संगठनों और सिविल सोसायटी के प्रतिनिधियों ने मंडलायुक्त और आइजीपी कश्मीर विजय कुमार के साथ बैठक में स्थिति को पूरी तरह सामान्य बनाए जाने के संदर्भ में चर्चा भी की। बैठक की शुुरुआत में सभी ने दो मिनट का मौन धारण कर हाल में ही आतंकी हमलों मे मारे गए नागरिकों को श्रद्धांजली अर्पित की। लगभग दो घंटे तक चली इस बैठक में सभी ने कश्मीर में कानून व्यवस्था और सुरक्षा का माहौल बनाए रखने में प्रशासन को पूर्ण सहयोग का यकीन दिलाया। व्यापारिक संगठनों के प्रतिनिधियों ने कोविड-19 प्रोटोकाल, पार्किंग, जीएसटी, 2014 की बाढ़ से हुए नुक्सान की भरपाई संबंधी लंबित पड़े मामलों व अन्य संबधित मुददों को उठाते हुए उनके यथाशीघ्र समाधान के लिए आग्रह किया।