
Pangolin Smuggling: पैंगोलिन की तस्करी मामले में वन विभाग को बड़ी कामयाबी हाथ लगी है। वन विभाग पैंगोलिन तस्करी के मास्टर माइंड तक पहुंच गई है। विभाग जल्द ही मध्य-प्रदेश के वन विभाग की मदद से आरोपित को गिरफ्तार कर रायपुर लाएगी। इसके बाद पैंगोलिन की शल्क की तस्करी के मामले बड़ा पर्दाफाश होने की उम्मीद लगाई जा रही है। वहीं पैंगोलिन मामले में गिरफ्तार केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा में पदस्थ सब इंस्पेक्टर से पूछताछ में उसने वन विभाग को बताया था कि वह जुआ में पैसा हार गया था। पैसे की भरपाई करने के लिए उसने यह कदम उठाया था।
गौरतलब है कि 15 सितंबर 2021 को ग्राम देवनगी छिंदवाड़ा, लोहांगी मध्य प्रदेश निवासी जितेंद्र कोचे पिता नरेश कोचे रायपुर एयरपोर्ट में सीआइएसएफ में सब इंस्पेक्टर पद पर पदस्थ था। वह पिछले कुछ दिनों यू-ट्यूब पर पैंगोलिन (Pangolin Smuggling) शल्क के दाम के बारे में सर्च कर रहा था। इसके साथ ही वह उसे टुकड़े-टुकड़े में बेचने के लिए ग्राहक की भी तलाश कर रहा था। बुधवार को वह मोटरसाइकिल में नीले कलर की बैग में पैंगोलिन शल्क लेकर बेचने के फिराक में निकला था। वन विभाग की टीम ने मुखबिर की सूचना पर उसे गिरफ्तार कर लिया था।
साढ़े तीन पैंगोलिन शल्क हुई थी बरामद
वन विभाग की टीम को आरोपित के पास से साढ़े तीन किलो पैंगोलिन शल्क बरामद हुई है। पैंगोलिन शल्क की चीन और साउथ ईस्ट एशिया में काफी डिमांड है। वहां पर इसका उपयोग सूप और दवा बनाने में किया जाता है। गिरफ्तार आरोपित ने इसे 60 हजार रुपये प्रतिकिलो के हिसाब से बेचने का सौदा किया था।
इसी बीच वन विभाग ने सूचना पर आरोपित को जयस्तंभ चौक से गिरफ्तार कर लिया था। वन विभाग की पूछताछ में सामने आया है कि मास्टरमाइंड छिंडवाड़ा का है जो पैंगोलिन शल्क की तस्करी करता है। वन विभाग की टीम ने इसके लिए मध्य प्रदेश वन विभाग को पत्र लिखकर मुख्य आरोपित को गिरफ्तार करने के लिए मदद की गुहार लगायी थी। मध्यप्रदेश के वन विभाग की टीम ने सहमति दी है, जल्द ही आरोपित करेगी।
वर्जन
पैंगोलिन शल्क की की तस्करी मामले में वन विभाग की टीम मुख्य आरोपित तक पहुंच गई है। मध्य-प्रदेश की मदद से जल्द ही आरोपित को गिरफ्तार किया जाएगा।