
छत्तीसगढ़ की राजधानी में बावरिया गैंग की सक्रियता ने पुलिस की नीद हराम कर दी है। रायपुर और दुर्ग में बावरिया गैंग चेन लूट की वारदात को अंजाम दे रहे हैं। दोनों जिलों की पुलिस टीम जांच में जुटी है। लेकिन अब तक सीसीटीवी फुटेज के अलावा पुलिस के हाथ कुछ नहीं लगा है। गैंग बेहद ही शातिर तरीके से वारदात को अंजाम देकर फरार हो जा रहे।
पुलिस हाथ पर हाथ रखे बैठी है। वारदात की वजह से महिलाएं अब खुद को असुरिक्षत महसूस कर रही हैं।उल्लेखनीय है कि राजधानी और दुर्ग में 20 दिनों में सात चेन लूट की वारदात हुई है।रायपुर में दो और दुर्ग में पांच। तरीका एक जैसा ही है। ताजा मामला रायपुर के डीडी नगर थाने का है।
सुबह 5.30 बजे लूट की वारदात
डीडी नगर के पल्लवी विहार कालोनी सेक्टर एक में सोमवार सुबह तकरीबन 5.30 बजे महिला फूल तोड़ने के लिए निकली थी।इसी दौरान एक युवक बाइक में आया। बदमाश ने सेक्टर-तीन जाने का रास्ता पूछते हुए महिला के सामने से वापस चला गया। जिसके बाद मुडकर महिला के पास जाकर गोल चौक जाने का रास्ता पूछने लगा और पुनः वापस जाकर दोबारा पीछे से महिला के गले से सोने की चैन लूट कर भाग गया व महिला को धक्का देकर गिरा दिया।घटना का पूरा सीसीटीवी सामने आया है। बदमाश कुछ देर वहां खड़े होकर इंतजार किया। इस दौरान वहां कुछ लोग आ जा रहे थे। पुलिस अब सीसीटीवी और आरोपित के भागने वाले रास्ते का रोड मैच खोजने में जुटी है।
महिला बैंक कर्मी से लूट का अब तक पता नहीं:
एक सप्ताह पहले शुक्रवार को महिला बैंक कर्मी से दिनदहाड़े लूट की वारदात शहर के सबसे व्यस्त क्षेत्र जय स्तंभ चौक के पास चेन स्नेचिंग की वारदात हुई थी। यहां हमेशा पुलिस के जवान खड़े रहते हैं। पुलिस के पास सीसीटीवी फुटेज हाथ लगे हैं। शातिर लुटेरे एक शहर छोड़ कर दूसरे जिले में वारदात कर रहे हैं। दुर्ग और रायपुर में जो घटना हुई उसका पैटर्न एक जैसा है। अब तक आरोपितों को कुछ पता नहीं चल सका है।
15 टीमें कर रही हैं काम
लूटेरों के पकड़ने के लिए पुलिस हर पहलू पर जांच कर रही है। लूट की मामले को सुलझाने 15 टीमें लगी हुई हैं। थाना स्तर की टीम अलग स्तर पर काम रही है वहीं तकनीकि स्तर पर सायबर सेल की टीम लगी हुई है। पुलिस का दावा है कि कुछ अहम जानकारियां हाथ लगी हैं, लेकिन विभाग के हाथ खाली हैं।
एक माह में 18 चेन स्नेचिंग
वर्ष 2016 में रायपुर, दुर्ग-भिलाई और बिलासपुर में एक महीने के भीतर 18 चेन स्नेंचिंग की घटना हुई थी। इसके बाद तीनों शहरों में हड़कंप मच गया था। तीनों शहरों की पुलिस संयुक्त जांच कर रही थी। इसमें रायपुर पुलिस को बड़ी सफलता मिली थी। पुलिस ने मध्यप्रदेश के तीन लुटेरों को पकड़ा था। यही तीनों शहरों में घूम-धूमकर वारदात को अंजाम दे रहे थे।
वारदात का यह है तरीका
इससे पहले बावरिया गैंग के बदमाश दूसरे राज्यों में पकड़े गए हैं। इसके वारदात का तरीका पूरी तरह से अलग है। यह दूसरे राज्यों से शहर में प्रवेश करते हैं और जिस रास्ते से गुजरते हैं वहां वारदात को अंजाम देते हैं। ये ज्यादातर सुबह के समय मार्निंग वाक पर निकली अकेली महिलाओं को अपना शिकार बनाते हैं।इसकी एक और वजह है कि इस दौरान पुलिस भी नहीं दिखती। जब तक मामला पुलिस तक पहुंचता है तब तक ये शहर से बाहर निकल जाते हैं।
एसपी, रायपुर प्रशांत अग्रवाल ने कहा कि टीम जांच में लगी हुई है। बाहरी गिरोह की आशंका है। दूसरे जिलों में हुई वारदातों के बारे में भी जानकारी एकत्र की जा रही है।