
भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने सोमवार को महाराष्ट्र के बाबाजी दाते महिला सहकारी बैंक (Babaji Date Mahila Sahakari Bank) पर कारोबारी पाबंदियां लगा दी. इसके अलावा ग्राहकों पर भी 5,000 रुपये से अधिक की निकासी (5,000 withdrawal limit) पर रोक लगाई गई है.
RBI ने पिछले कुछ समय से सहकारी बैंकों के खिलाफ लगातार कठोर नीति अपनाया हुआ है.
RBI ने कहा कि पाबंदियों के लागू होने बाद, बैंक 8 नवंबर 2021 को अपना कारोबार खत्म होने के बाद से नए लोन नहीं जारी कर सकता है और न ही RBI की पूर्व मंजूरी लिए बिना कोई नई जमा राशि स्वीकार कर सकता है. साथ ही कोई भी जमाकर्ता अपने खाते से 5,000 रुपये से अधिक राशि नहीं निकाल सकता है.
जानें RBI ने क्या कहा?
RBI ने एक बयान में कहा, “बैंक की मौजूदा लिक्विडिटी स्थिति को देखते हुए, सभी बचत खातों, चालू खातों या जमाकर्ताओं के किसी भी दूसरे खाते से कुल राशि में से 5,000 रुपये से अधिक की राशि निकालने की इजाजत नहीं दी जा सकती है.हालांकि जिन ग्राहकों के खाते से लोन की किस्त कटती हैं, उन्हें शर्तों के तहत इसके सेटलमेंट की इजाजत दी जा सकती है.”
RBI ने कहा कि उसकी पाबंदियों को बैंकिंग लाइसेंस रद्द होने के रूप में नहीं देखा चाना चाहिए. आरबीआई ने कहा कि बैंक अपनी वित्तीय सेहत में सुधार होने तक पाबंदियों के साथ बैंकिंग कारोबार करना जारी रखेगा. साथ ही, रिजर्व बैंक परिस्थितियों के आधार पर समय-समय पर इन निर्देशों में संशोधन पर विचार कर सकता है.
6 महीने की अवधि के लिए लागू रहेंगे ये पाबंदिया
RBI ने कहा कि ये पाबंदियां 8 नवंबर, 2021 को कारोबार बंद होने से 6 महीने की अवधि के लिए लागू रहेंगे. करीब दो हफ्ते RBI ने महाराष्ट्र के वसई विकास सहकारी बैंक पर कुछ निर्देशों का पालन नहीं करने पर 90 लाख रुपये का जुर्माना लगाया था. वहीं करीब एक महीने RBI ने मुंबई के अपना सहकारी बैंक पर 79 लाख रुपये का जुर्माना लगाया था.