
कोरोना वायरस (Corona Virus) ने जब दुनिया की अर्थव्यवस्था (Corona Hit Economy) को नुकसान पहुंचाया तो सरकारों ने लोगों की मदद के लिए महामारी के नाम पर लोन (Corona Relief Loan) बांटने शुरू कर दिए. उनका मकसद तो था नुकसान झेल रहे लोगों को नया बिजनेस खड़ा करने में मदद करना, लेकिन कुछ लोग ऐसे भी हैं, जिन्होंने इसे मज़ाक समझ लिया. जॉर्जिया के रहने वाले विनाथ ऑडोम्सिन (Vinath Oudomsine) भी उनमें से एक हैं. इन महाशय ने अमेरिकन सरकार (United States Government) से लिए 42 लाख रुपये के लोन को पोकेमोन कार्ड खरीदने में बर्बाद कर दिया.
जॉर्जिया के डबलिन में रहने वाले इस शख्स ने कोरोना आर्थिक राहत लोन के लिए झूठा आवेदन किया. जब उसे लोन मिल गया तो उसने 57,000 डॉलर यानि भारतीय मुद्रा में 42,80,027 रुपये का इस्तेमाल किसी सार्थक काम नहीं किया बल्कि अपना शौक पूरा करने में कर डाला. मज़े की बात ये है कि उस शख्स को इसका कोई पछतावा भी नहीं है.
64 लाख के लोन में 42 लाख बर्बाद किए
इस शख्स ने अपनी कंपनी के राजस्व और यहां काम करने वाले लोगों की संख्या के बारे में झूठ बोलकर आवेदन किया था और इसका इस्तेमाल अपना शौक पूरा करने में किया. जब ये मामला खुला तो विनाथ ऑडोम्सिन (Vinath Oudomsine) पर केस दर्ज हो गया. कोर्ट ने कहा कि पिछले साल अगस्त में विनाथ ने 85,000 डॉलर यानि करीब 64 लाख रुपये का लोन हासिल किया था. इसमें से 42 लाख रुपये उसने पोकेमोन कार्ड खरीदने में खर्च कर दिया. फर्जी दस्तावेज़ के साथ लिए गए लोन की जब पोल खुली तो मामला कोर्ट तक पहुंचा.
वकील की दलील भी जबदस्त है !
The Telegraph की रिपोर्ट के मुताबिक विनाथ के वकीलों ने जो बयान जारी किया है उसके ये नहीं पता है कि विनाथ किन पोकेमोन कार्ड्स की खरीद के लिए आरोपी बनाए गए हैं, लेकिन उनके पास जो पोकेमोन कार्ड हैं, उनमें से कई दुर्लभ हैं. उसके पास मौजूद रेयर कार्ड्स को कलेक्टर ट्रेडिंग कार्ड, वीडियो गेम और मोमेंटम के लिए नीलाम किया जा सकता है और अच्छी खासी रकम इकट्ठा की जा सकती है.