
भोपाल: मध्यप्रदेश में बुधवार को करीब 600 कोरोना पॉजिटिव मरीजों मिले. इसमें इंदौर की स्थिति एक बार फिर चिंताजनक दिखी है क्योंकि आधे से अधिक मामले आर्थिक राजधानी इंदौर से ही हैं.
बुधवार तक प्रदेश में एक्टिव मरीजों की संख्या 1500 के पार हो चुकी है. जबकि संक्रमण दर एकप्रतिशत रिकॉर्ड किया गया है. प्रदेश में बढ़ते कोरोना के मामलों को देखते हुए मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने नई कोरोना गाइडलाइन (MP Corona guideline) जारी की है. सीएम शिवराज मंत्रियों, प्रशासनिक अधिकारी सहित प्रदेश के प्रमुख नगरों के कलेक्टरों को से वर्चुअल मीटिंग से जुड़े और कोरोना की स्थिति की जानकारी हासिल भी की और कई प्रतिबंध लगाने के निर्देश भी दिए. हालांकि किसी भी तरह के लॉकडाउन या सख्त प्रतिबंध को लेकर उन्होंने कुछ नहीं कहा.
बैठक में सीएम शिवराज ने कोरोना के नए वैरिएंट ओमाइक्रॉन को लेकर कहा कि इससे घबराने की जरूरत नहीं है. अधिक से अधिक सावधानियां बरतने की जरूरत है. सीएम शिवराज ने कहा कि हम पहले की तरह ही मिलकर लड़ेंगे और इस संक्रमण का मुकाबला करेंगे और इससे जीतेंगे.
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बैठक में सीएम अनिवार्य रूप से मास्क लगाने के निर्देश दिए. उन्होंने कहा कि मास्क न लगाने वालों पर जुर्माना लगाएं. वहीं अन्य राज्य में नाइट कर्फ्यू के अलावा अन्य प्रतिबंध नहीं है. मध्य प्रदेश में कोई सख्त प्रतिबंध नहीं लगाए गए हैं, लेकिन उपस्थिति की संख्या को सीमित करने का निर्णय लिया गया है.
इतना ही नहीं सीएम अधिकारियों से किसी भी तरह की भयावह स्थिति से निपटने के लिए पहले से व्यवस्था करने के निर्देश दिए हैं. मीटिंग में उन्होंने आदेश दिए कि आवश्यक बेड की व्यवस्था, कोविड केयर सेंटर में संक्रमित रोगियों के आइसोलेशन की समुचित सुनिश्चित हो. इसके साथ ही प्रभारी अधिकारी जिलों के संपर्क में रहें. सभी सावधानियों का पालन सुनिश्चित किया जाए. सीएम शिवराज ने कहा कि भारत में सबसे ज्यादा संक्रमण दर महाराष्ट्र में है. इसके कारण पड़ोसी राज्य होने के नाते मध्यप्रदेश को अधिक से अधिक एहतियात बरतने की आवश्यकता है.
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सीएम के प्रमुख निर्देश
– कोविड कमांड एंड कंट्रोल सेंटर कार्यशील स्थिति में रहें.
– राज्य में बड़े मेले आयोजित न हों.
– विवाह समारोह आदि में उपस्थिति संख्या सीमित रहे. इनकी सीमा 250 रहेगी.
– अंतिम संस्कार आदि में 50 व्यक्ति तक शामिल हों.
– स्कूलों में यथावत 50 प्रतिशत विद्यार्थियों की उपस्थिति की व्यवस्था बनी रहे.
– प्रदेश में नाइट कर्फ्यू जारी रहेगा.
– होम आयसोलेशन का प्रभावी पर्यवेक्षण हो.
– कोविड केयर सेंटर्स में स्वयंसेवी संस्थाएं स्वेटर, रजाई आदि उपलब्ध करवाएं.
– आरटीपीसीआर टेस्ट की माकूल व्यवस्था बनी रहे. इसे गंभीरता से लें.
– अन्य बीमारियों से ग्रस्त लोगों को प्राथमिकतापूर्वक अस्पताल में दाखिल कर उपचार का लाभ मिले.
– प्रत्येक स्तर पर कोविड एप्रोपिएट व्यवहार का पालन हो.
– ट्रीटमेंट प्रोटोकॉल GOI के अनुसार हो (भारत सरकार की गाइड लाइन के अनुसार चिकित्सा उपचार करें).
– यह संभव है प्रदेश में संक्रमित रोगी संख्या बढ़ेगी, आवश्यकतानुसार बिस्तर क्षमता बढ़ाएं.
– कोविड कमांड एंड कंट्रोल सेंटर ब्लॉक स्तर तक बना लें.
– टेस्ट प्रतिदिन 60 हजार से कम न हो, कॉन्टेक्ट ट्रेसिंग होती रहे.
– 15 से 18 वर्ष के बच्चों के आयु समूह के टीकाकरण का कार्य चलता रहे.
– संक्रमण के लक्षण साधारण हैं, फिर भी आवश्यकता के अनुसार जो कदम जरूरी होंगे, वे उठाए जाएंगे.
– सभी नगरों और ग्रामों में उपचार और पॉजिटिव रोगियों की देखभाल की व्यवस्थाएं चाक-चौबंद रहे.
– संभागीय मुख्यालयों पर और मेडिकल कॉलेज स्तर पर सभी प्रबंध सुनिश्चित हों.
इंदौर के आंकड़े डराने वाले
MP के कुल पॉजिटिव केस में लगभग आधे प्रकरण इंदौर में है. भोपाल में 307, ग्वालियर में 101, जबलपुर में 71 और उज्जैन में 47 संक्रमण के प्रकरण सामने आए हैं. कुल रोगियों में से अस्पताल में लगभग 8 प्रतिशत रोगी आइसोलेशन में हैं. शेष संक्रमित घर पर ही आयसोलेट हैं.