
कोंडागांवः छत्तीसगढ़ के नक्सल प्रभावित क्षेत्रों की तस्वीर अब बदल रही है, क्योंकि जिन क्षेत्रों में बम-बंदूक और गोली की आवाज सुनाई देती थी, जहां के लोग हर वक्त डर के साये में रहते थे. उन नक्सल प्रभावित क्षेत्रों से अब टैलेंट निकल रहा है. कोई सरकारी अधिकारी बन रहा है, तो कोई अपने ही दम पर कुछ ऐसा कर रहा है जिसकी हर तरफ तारीफ हो रही है. छत्तीसगढ़ के कोंडागांव जिले से ऐसा ही एक मामला सामने आया है. जहां एक 7वीं के छात्र ने महज 100 रुपए में कमाल की चीज बनाई हैं.
25 हजार का ड्रोन 100 रुपए में बनाया
दरअसल, कोंडागांव जिले के एक नक्सल प्रभावित गांव में एक 7वीं कक्षा के छात्र कमाल करके दिखाया है. क्योंकि इस छात्र ने 25 हजार का ड्रोन मात्र 100 रुपये खर्च में तैयार किया है वो भी केवल अपने दम पर, जिसकी हर तरफ जमकर तारीफ हो रही है. इतना ही नहीं ड्रोन में कैमरे से तस्वीरें भी केद की है. खास बात यह भी है कि दीपेश मरकाम नाम के इस छात्र ने इस अविष्कार के पीछे की वजह भी रोचक हैं.

उड़ता हेलीकाप्टर देखकर बनाया ड्रोन
दरअसल, कोंडागांव जिले के केशकाल गांव में रहने वाले दीपेश मरकाम ने एक दिन आसमान में हेलीकॉप्टर उड़ते हुए देखा. जिसे देखकर उसके मन में ख्याल आया वह भी ऐसा कुछ बना सकता है. 7वीं क्लास में पढ़ने वाले दीपेश मरकाम ने घर पर रखे पुरानी कबाड़ के सामानों को जोड़ा और ड्रोन बनाने का काम शुरू कर दिया. खास बात यह भी है कि दीपेश ने महज दो दिन में ही ड्रोन बनाकर तैयार कर दिया. इतना ही नहीं उसने स्कूल में शिक्षकों व अपने स्कूली दोस्तो के सामने उड़ा कर भी दिखाया. जिसे देखकर सब हैरान रह गए.
सबसे पहले पिता को बताई सफलता
दीपेश ने बताया कि उसने अपने घर के ऊपर से उड़ रहे हेलीकाप्टर को देखकर बनाने की ठानी और फिर घर पर पड़ी पुरानी रेडियो, खराब पढ़े मोबाइल पार्टस निकाले और उससे उसने पेपर खड्डे का इस्तेमाल से उड़ता ड्रोन बना दिया. दीपेश मरकाम ने बताया सबसे पहले उसने अपनी सफलता को अपने पिता को बताया और उसके बाद शिक्षकों को बताया. अपने दोस्तों को बताई यही नहीं दीपेश ने मोबाइल के कैमरे को ड्रोन से लगाया और उससे तस्वीरे भी कैद कर ली जिसे देखकर बच्चों में खुशी देखते ही बनता था.

दरअसल, यह इलाका नक्सल प्रभावित माना जाता है. जहां के अधिकतर लोगों ने ट्रेन भी नहीं देखी है. लेकिन अचानक जब गांव के ही बच्चे द्वारा बनाया गया ड्रोन हेलिकॉप्टर देखा दो सब बहुत खुश हुए. अब इसस बच्चे को हर जगह से शाबाशी मिल रही है. वहीं कोंडागांव जिले के जिला शिक्षा अधिकारी ने भी बच्चे की तारीफ करते हुए उसका मनोबल बढ़ाने और उसकी जरूरतें पूरी करने की बात कही है. खास बात यह है कि छत्तीसगढ़ के नक्सल प्रभावित क्षेत्रों की तस्वीर अब बदल रही है. हाल ही में कोंडागांव के अलावा बीजापुर जिले के कई छात्रों का चयन सिविल सर्विस में हुआ है. यानि छत्तीसगढ़ के नक्सलगढ़ की तस्वीर अब बदल रही है.