
केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी हमेशा ही चर्चा में रहते हैं। आज सोशल मीडिया पर एक वीडियो वारयल हो रहा है। केंद्रीय मंत्री लाइन में लगे हैं। सोशल मीडिया पर लोग तारीफ कर रहे हैं।
हमारे देश में ऐसे बहुत से राजनेता ताकत और पैसा होने के बावजूद जीने का एक सरल तरीका अपनाते हैं। सत्ता में बैठे कई राजनेताओं ने देश में एक वीआईपी संस्कृति फैलाई है। लेकिन कुछ बड़े लोग हैं जो कानून का पालन करते हैं और वीआईपी संस्कृति को तोड़ते हैं।
किसी आम नागरिक की तरह इंडिगो की फ्लाइट में सवार होने के लिए कतार में खड़े होने का केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया है। वीडियो में परिवहन मंत्री विमान में चढ़ने के लिए कतार में खड़े नजर आ रहे हैं।
एक ट्विटर यूजर नवनीत मिश्रा ने लाइन में खड़े गडकरी का वीडियो साइट पर शेयर किया। मिश्रा के मुताबिक, गडकरी को इंडिगो की फ्लाइट में सवार होने का इंतजार करते हुए देखा गया। मिश्रा ने लिखा, “केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी आम आदमी की तरह फ्लाइट पकड़ने के लिए लाइन में खड़े हैं।”
मैंने अपने ट्रैक्टर को सीएनजी वाहन में बदल लिया है : गडकरी
कच्चे तेल और ईंधन गैसों के आयात पर निर्भरता घटाने के लिए देश में जैव ईंधन के उत्पादन की रफ्तार बढ़ाने पर जोर देते हुए केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने कहा कि उन्होंने खुद पहल करते हुए अपने ट्रैक्टर को सीएनजी वाहन में बदल लिया है।
कच्चे तेल और ईंधन गैसों के आयात पर निर्भरता घटाने के लिए हमें सोयाबीन, गेहूं, धान, कपास आदि फसलों के खेतों की पराली (फसल अपशिष्ट) से बायो-सीएनजी और बायो-एलएनजी सरीखे जैव ईंधनों के उत्पादन को बढ़ावा देना चाहिए। इससे किसानों को खेती से अतिरिक्त आमदनी भी होगी।”
सड़क परिवहन मंत्री ने यह बात ऐसे वक्त कही है जब कच्चे तेल के अंतरराष्ट्रीय दामों में उछाल से देश में पेट्रोलियम ईंधनों के दाम रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गए हैं जिससे आम आदमी पर महंगाई का बोझ बढ़ गया है। गडकरी ने यह भी बताया कि फिलहाल भारत अपनी जरूरत का 65 प्रतिशत खाद्य तेल आयात कर रहा है और देश को इस आयात पर हर साल एक लाख 40 हजार करोड़ रुपये का खर्च करने पड़ रहे हैं।
उन्होंने कहा, “इस आयात के कारण एक ओर देश के उपभोक्ता बाजार में खाद्य तेलों के भाव ज्यादा हैं, तो दूसरी ओर तिलहन उगाने वाले घरेलू किसानों को उनकी उपज का अच्छा मूल्य भी नहीं मिल पा रहा है।” गडकरी ने जोर देकर कहा कि खाद्य तेल उत्पादन में भारत की आत्मनिर्भरता का लक्ष्य हासिल करने के लिए देश में सरसों के जीन संवर्धित (जीएम) बीजों की तर्ज पर सोयाबीन के जीएम बीजों के विकास की दिशा में आगे बढ़ा जाना चाहिए क्योंकि सोयाबीन के मौजूदा बीजों में अलग-अलग कमियां हैं।