
रायपुर: छत्तीसगढ़ के सुकमा में रविवार देर रात CRPF जवान ने अपने साथियों पर AK-47 से फायरिंग कर दी थी. केस की पड़ताल की तो पता चला कि आरोपी जवान रितेश मानसिक तौर पर बीमार था.
CRPF के उच्च पदस्थ सूत्रों ने बताया कि रितेश एक मानसिक रोगी है. इसी वजह से उससे हथियार भी वापस ले लिया गया था, लेकिन रितेश ने किसी और जवान का हथियार उठाकर फायरिंग कर दी.
CRPF सूत्रों ने बताया की, ऑपरेशन एरिया में हर जवान पूरे समय अपने साथ हथियार रखता है. केवल इस तरह के साइको केसेस को हथियार नहीं दिए जाते हैं. घटना की पिछली रात उसका किसी से विवाद हुआ था, इसके बाद ही उसने किसी और के हथियार से वारदात को अंजाम दिया.
दरअसल, पैरामिलिट्री फोर्सेस की हर यूनिट में हथियारों को रखने के लिए तय जगह होती है. यहीं से यूनिट में तैनात जवानों को हथियार इश्यू किए जाते हैं. किसी तरह की परेशानी या हथियार के काम न करने की स्थिति में उसे यहीं जमा किया जाता है.
CRPF अफसरों ने बताया कि आरोपी जवान को पुनर्वास केंद्र में भेजना ही इसका एकमात्र समाधान हो सकता है. जब तक उसे वहां नहीं भेजा जाता, तब तक उसे फोर्स के बेस, ग्रुप सेंटर या कंपोजिट हॉस्पिटल से दूर रखा जाना चाहिए, जहां वह आसानी से हथियारों तक न पहुंच सके.
कोंटा विकासखंड के ग्राम लिंगनपल्ली में CRPF की 217 बटालियन का कैंप है. देर रात करीब 3.15 बजे CRPF जवान रितेश रंजन ने अपने साथियों पर फायरिंग कर दी. गोली लगने से 2 जवानों की मौके पर ही मौत हो गई. इसी कैंप में 85वीं बटालियन के जवानों का भी कैंप है. घायल 5 जवानों को कैंप से करीब 11 किमी दूर तेलंगाना स्थित भद्राचलम के अस्पताल ले जाया गया. वहां पर इलाज के दौरान 2 जवानों ने दम तोड़ दिया, जबकि 2 अन्य की हालत गंभीर है.
फायरिंग में 4 जवानों की मौत हो गई, जबकि 3 घायल हैं. इनमें 2 जवानों की हालत गंभीर बताई जा रही है. फायरिंग करने वाले जवान को हिरासत में ले लिया गया है. फायरिंग की घटना में मारे गए 3 जवान बिहार के रहने वाले थे, जबकि 1 पश्चिम बंगाल का निवासी था. चौथे जवान को लेकर अभी जानकारी नहीं मिल सकी है. मृतक जवानों में बिहार निवासी धांजी, धर्मेंद्र कुमार और राजमणि कुमार यादव व पश्चिम बंगाल निवासी राजीब मंडल शामिल हैं. इनके अलावा जवान धर्मेंद्र कुमार सिंह, धर्मात्मा कुमार और मालया रंजन महाराणा घायल हैं.