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अर्क टॉक
लेखन सौरव शर्मा
क्यों मनाया जाता है विश्व रेबीज दिवस
कुत्ते बिल्ली या ऐसे जानवर जिनके काटने से रेबीज जैसी घातक बीमारी फैलती है, उसको लेकर जागरूकता और रोकथाम के लिए विश्व रेबीज दिवस मनाया जाता है | “लुइस पाश्चर” नाम के महान रसायनिक के पुण्यतिथि पर हर साल 28 सितंबर को “विश्व रेबीज दिवस” के रूप में मनाया जाता है | इसके पीछे कारण यह है कि जब एक समय रेबीज की बीमारी जानलेवा साबित हो रही थी, तब लुइस पाश्चर ने ही रेबीज टीका विकसित किया |
हर वर्ष विश्व रेबीज दिवस पर एक विषय को चुना जाता है जैसे 2018 का विषय था “रेबीज की जानकारी साझा करें और जीवन बचाएं” इस तरह के विषय, रेबीज रोकथाम और जागरूकता बढ़ाने के लिए सही कदम है | वर्ष 2030 तक का लक्ष्य है कि रेबीज से संबंधित बीमारी में 0 मृत्यु दर हो |
क्या होता है रेबीज
जानवर के हमला करने से जैसे काटना,खरोच या लार के जरिए शरीर के भीतर में प्रवेश करने से रेबीज होता है | अधिकतर मामलों में रेबीज कुत्तों के हमला करने परी पाया जाता है | आज के समय में रेबीज बीमारी का पूरा रोकथाम है , बस हमें सजग रहने की आवश्यकता है ,जैसे हमारे पालतू कुत्ते क्या जानवर को टीका लगा हो और बाहरी जानवरों से छेड़छाड़ करने से बचना | भारत में हर वर्ष लगभग 20000 लोगों की मृत्यु रेबीज की बीमारी के कारण होती है |
रेबीज होने का कारण और बचाव
1. अधिकतर बच्चे अबोध होने के कारण कुत्ते या जानवरों के व्यवहार को नहीं समझते जैसे गुस्सा या मित्रता और यही मुख्य कारण देखा जाता है कि जानवर अचानक उन पर हमला कर बैठते हैं |
2. घर के पालतू कुत्ते या जानवर का पूर्व टीकाकरण करवाना चाहिए |
3. बच्चों को सिखाएं की कुत्ते या जानवर कि हमला करने पर माता पिता को सूचित करें उन्हें घबराए नहीं अन्यथा बच्चे इस बात को गुप्त रखेंगे |
4. कुत्ते के काटने पर घाव को बार-बार ना छुए |
5. काटने वाली जगह को 10 मिनट तक धोएं |
6. जल्द से जल्द करीबी चिकित्सालय जाकर रेबीज का टीका लगवाएं |