
अर्क टॉक
लेखन सौरव शर्मा
दुनिया भर में आपसी मेल-जोल यानी सामाजिक, सांस्कृतिक,आर्थिक और राजनीतिक विचारधाराओं को बढ़ावा देने के लिए संयुक्त राष्ट्र पर्यटन संगठन द्वारा 27 सितंबर 1980 में विश्व पर्यटन दिवस के रूप में मनाया गया और निर्णय लिया आगे भी हर वर्ष 27 सितंबर को “विश्व पर्यटन दिवस” के रूप में मनाया जाएगा ,ताकि आने वाले समय में पर्यटन का विस्तार हो सके | विश्व पर्यटन दिवस का हर साल कुछ विषय होते हैं जैसे 1980 का विषय “सांस्कृतिक विरासत और शांति और आपसी समझ के संरक्षण के लिए पर्यटन का योगदान” था। इस दिवस को मनाने का एक और उद्देश्य यह भी हो सकता था की पिछड़े या प्रगतिशील देशों को विश्व में पहचान मिले,पर इस कोरोना महामारी ने सभी विभागों या कह सकते हैं हर चीज पर बुरा प्रभाव डाला है | अब इसका पर्यटन पर किस प्रकार असर पड़ा है आइए जानते हैं :-
महामारी ने बिगाड़ा पर्यटन का माहौल
आज के कोरोना महामारी चलते हर व्यक्ति एक संकोच, एक डर के कारण अधिक सफर करना नहीं पसंद कर रहा है | इसके पीछे का कारण हम सभी परिचित हैं क्योंकि यह महामारी है ही बहुत खतरनाक | अगर आप दोनों डोज लगवा भी चुके हैं तब भी अलग-अलग देशों के नियम कानून कठोर होने कारण पर्यटकों में उत्साह कम होता दिख रहा है|
सभी को साथ मिलकर सुरक्षित और लचीला वातावरण बनाना होगा
“विश्व पर्यटन संगठन” को सभी देशों के साथ मिलकर नियम-कानून और पर्यटको में रुचि बढ़ाने के लिए वातावरण बनाने का प्रयास करना चाहिए ,क्योंकि पर्यटन से ही लोगों में मेलजोल आता है | और बहुत से देशों के गांव और शहर पर्यटन के बदौलत ही चलते हैं ,पर्यटको की कमी होने के कारण उन पर आर्थिक मंदी की चोट पड़ी है |